तूफान जवाद: फसलें तबाह, किसान की खुदकुशी

तूफान जवाद ओडिशा में कमजोर होकर आया पर साथ लाये बारिश ने राज्य के दक्षिण और उत्तरी क्षेत्रों में फसलों को काफी नुकसान पहुँचाया है| ओडिशा के आठ तटीय जिलों में जवाद के कारण भारी बारिश हुई है।  वहीँ गंजाम में बारिश से तबाह फसल को देख सदमे में आये एक किसान ने खुदकुशी कर ली|

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भुवनेश्वर | तूफान जवाद ओडिशा में कमजोर होकर आया पर साथ लाये बारिश ने राज्य के दक्षिण और उत्तरी क्षेत्रों में फसलों को काफी नुकसान पहुँचाया है| ओडिशा के आठ तटीय जिलों में जवाद के कारण भारी बारिश हुई है।  तूफान से लगभग सभी तरह की फसलें प्रभावित हुई हैं।

वहीँ ओडिशा के गंजाम में बारिश से तबाह फसल को देख सदमे में आये एक किसान ने खुदकुशी कर ली| राजस्व मंत्री सुदाम मरांडी ने चक्रवात प्रभावित जिलों में किसानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट जिलाधीशों से तलब की है।

ओडिशा के जगतसिंहपुर कृषि विभाग के अनुसार, 84,000 हेक्टेयर से अधिक खेत बारिश के पानी से जलमग्न हो गए थे, जिससे इस क्षेत्र के किसानों के लिए फसल की पैदावार में भारी नुकसान की संभावना पैदा हो गई थी। फसल नुकसान के आकलन के लिए विशेष टीम लगाई गई है।

केंद्रपाड़ा के औल, पट्टामुंडई और राजनानगर के अलावा बालासोर, भद्रक, चांदबली, नीलगिरी, बासुदेवपुर, सोर, बहानगा, खैरा और उदाला में कृषि भूमि की स्थिति लगभग समान है।

पुरी जिले के लगभग 11 ब्लॉकों में कुल 1.5 लाख हेक्टेयर खेत में से 1.3 लाख हेक्टेयर खेत पानी में डूबे हुए हैं|   कोणार्क, गोप और निमापाड़ा में फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है।

बारिश ने  सब्जी किसानों को भी भारी नुकसान पहुँचाया  है। जिन जगहों पर फसलें चक्रवाती प्रभाव से बचने में कामयाब रही हैं, वहां कीटों के हमले की आशंका ने किसानों की पीड़ा को दोगुना कर दिया है।

उधर  तूफान जवाद  अपनी फसल तबाह देख  सदमें में आये गंजाम जिले के एक किसान ने  जहर खाकर खुदकुशी  कर ली।  उलुम गांव निवासी कैलाश  सबर नामक इस किसान के परिजनों के मुताबिक कैलाश के पास अपने दो एकड़ खेत  में धान उगाता था|  भारी बारिश के बाद फसल देख बहुत उदास था। उसने कर्ज लेकर फसल लगाई थी।

सदमें में आकर  उसने कीटनाशक खरीदा और उसका सेवन कर लिया ।  उसे अस्पताल ले गए जहाँ डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

 

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