नई दिल्ली | संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि कानून के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करने के लिए आज केएमपी हाइवे को 24 घंटे के लिए जाम कर रहा है| दिल्ली की सीमाओं पर शनिवार को आंदोलन के 135 दिन पुरे हो चुके हैं|
जाम में शव वाहन, एम्बुलेंस, शादी वाहन, आवश्यक वस्तु वाहन को छूट दी जाएगी। अगर महिलाओं की गाड़ी फंस जाती है, तो उनको नीचे उतरने की छूट दी जायेगी।
संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से ऐलान किया गया है कि “केएमपी हाईवे को 24 घंटे के लिए बंद किया जाएगा। इस दौरान आम नागरिकों को परेशान नहीं किया जाएगा।” मोर्चा का कहना है कि सरकार किसानों की आवाज को दरकिनार कर रही है।”
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है, “हम सभी किसानों की तरफ से आश्वस्त करते हैं कि बंद के दौरान हाइवे पर लोगों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाएगा।”
दिल्ली की सीमाओं पर चले आंदोलन को किसान एक मजबूत धार देने में लगे हुए हैं, यही वजह है कि किसान लगातार नई-नई रूपरेखा तैयार कर रहे हैं।
हालांकि इससे पहले भी किसानों ने कई रणनीति बनाई ताकि सरकार पर दबाब डाला जा सके, लेकिन इन सबके बावजूद सरकार और किसान नेताओं के बीच अब तक कोई वार्ता नहीं हुई है।
वहीं, एक बार फिर किसान हाइवे बंद कर सरकार पर दबाब बनाने की कोशिश कर रहे हैं| गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान भी डासना पर पहुंच हाइवे को जाम करेंगे। इसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी साथ रहेंगे।
जाम में शव वाहन, एम्बुलेंस, शादी वाहन, आवश्यक वस्तु वाहन को छूट दी जाएगी। अगर महिलाओं की गाड़ी फंस जाती है, तो उनको नीचे उतरने की छूट दी जायेगी।
दरअसल, तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020; मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं ।