पुंछ में पाकिस्तान की घुसपैठ नाकाम, सेना ने ढेर किए 4-5 आतंकी

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जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में मंगलवार को पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर घुसपैठ की कोशिश की, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया. सूत्रों के मुताबिक, इस जवाबी कार्रवाई में 4-5 घुसपैठिए मारे गए. सेना ने बताया कि पुंछ के कृष्णा घाटी इलाके में घुसपैठ की यह कोशिश नाकाम कर दी गई. पाकिस्तान ने युद्धविराम समझौते का उल्लंघन करते हुए गोलीबारी शुरू की थी, जिसके बाद भारतीय सेना ने भी जवाबी फायरिंग की.

सूत्रों का कहना है कि इस कार्रवाई में पाकिस्तानी पक्ष को भारी नुकसान हुआ. हाल के महीनों में यह पहला मौका है जब सेना ने पाकिस्तान द्वारा युद्धविराम उल्लंघन की पुष्टि की है. इससे पहले फरवरी में भी कृष्णा घाटी क्षेत्र में ऐसी ही गोलीबारी की घटनाएं सामने आई थीं. भारतीय सेना ने साफ किया कि उनकी ओर से न तो कोई जवान शहीद हुआ और न ही संपत्ति को नुकसान पहुंचा. दिनभर रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही, और सेना कृष्णा घाटी में पूरी तरह तैनात है.

एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया, “1 अप्रैल को पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पार कर कृष्णा घाटी में घुसपैठ की कोशिश की, जिसके दौरान एक माइन ब्लास्ट हुआ. इसके बाद पाकिस्तान ने बिना उकसावे के गोलीबारी शुरू कर युद्धविराम तोड़ा. हमारे जवानों ने संयमित और प्रभावी ढंग से जवाब दिया. स्थिति नियंत्रण में है और इसकी कड़ी निगरानी की जा रही है.”

पिछले दो महीनों में दक्षिणी पीर पंजाल क्षेत्र में एलओसी पर गोलीबारी की घटनाओं में तेजी आई है. पाकिस्तान की ओर से स्नाइपिंग, फायरिंग और बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) के जरिए घुसपैठ की कोशिशें देखी गई हैं. सेना के सूत्रों का कहना है कि इन घटनाओं से स्थानीय स्तर पर तेजी और सख्ती से निपटा जा रहा है. फरवरी के पहले हफ्ते में भी पाकिस्तानी सैनिकों ने छोटे हथियारों से गोलीबारी और विस्फोटकों का इस्तेमाल किया था, जिसका भारतीय सेना ने कड़ा जवाब दिया. भारत ने इस मुद्दे को पाकिस्तान के सामने उठाया, लेकिन सीमा पर अशांति जारी है.

यह बढ़ती गोलीबारी करीब चार साल बाद सामने आई है, जब फरवरी 2021 में भारत और पाकिस्तान ने एलओसी पर युद्धविराम समझौते को फिर से लागू करने का फैसला किया था. दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच हुए इस समझौते का मकसद सीमा पर शांति और तनाव कम करना था. लेकिन दक्षिणी पीर पंजाल क्षेत्र में युद्धविराम उल्लंघन की हालिया घटनाएं इस समझौते की नाजुक स्थिति को उजागर करती हैं.

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