मूलधन से तीन गुना रकम पटा चुके किसानों को फिर नोटिस,दो बरस गुहार के बाद भी नहीं मिला भूपेश से न्याय
किसानों की मानें तो वे मूलधन से तीन गुना रकम पटा चुके हैं उसके बावजूद मूलधन से 4-5 गुना राशि पटाने हेतु नोटिस भेजी जा रही है| इसके कारण वे धान भी नहीं बेच पा रहे हैं| अब थक हारकर इन किसानों ने सहकारी समिति में धरना दिया और बेमुद्दत भूख हड़ताल की चेतावनी दी है|
कर्ज माफ़ी को लेकर सत्ता में आई छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार किसानों के लिए कई घोषणायें कर रही है| किसानों को राजीव गाँधी न्याय योजना के तहत 4 किश्तों में 9-9 हजार दे रही है| इन सबके बीच महासमुंद जिले के करीब 50 किसान ऐसे हैं जिनकी कर्जमाफी तो नहीं हुई उलटे कर्ज के दलदल में फंसे हुए हैं| करीब दो साल बाद भी उनकी गुहार पर कोई फैसला नहीं हुआ|
इन किसानों ने 15-20 बरस पहले भूमि विकास बैंक से ट्रेक्टर ,पम्प कुआँ आदि के लिए कर्ज लिया है| किसानों की मानें तो वे मूलधन से तीन गुना रकम पटा चुके हैं उसके बावजूद मूलधन से 4-5 गुना राशि पटाने हेतु नोटिस भेजी जा रही है| इसके कारण वे धान भी नहीं बेच पा रहे हैं| अब थक हारकर इन किसानों ने सहकारी समिति में धरना दिया और बेमुद्दत भूख हड़ताल की चेतावनी दी है|
14 दिसम्बर 2019 को महासमुंद जिले के बसना–सरायपाली ब्लाक के पठियापाली के किसान नोहर सिंह , कैलाश प्रधान, धामनघुटकुरी के ललित प्रधान, ताराचंद , नौगाड़ी के परसुराम सिदार, बिजराभाठा के अवधराम, चंदखुरी के मोतीराम पटेल, झारबंद के खेमराज और घुमागाँव के श्रीपति ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से कर्जमाफी कर राहत देने की मांग की थी |
किसानों का पत्र जस का तस
माननीय श्री भूपेश बघेल जी मुख्यमंत्री
छत्तीसगढ़ शासन रायपुर
विषय: भूमि विकास बैंक के कर्ज को एकमुक्त ऋण ग्राफी करने बाबत
महोदय,
विधान सभा चुनाव 2019 के समय कांग्रेस पार्टी द्वारा घोषणा की गई थी कि कांग्रेस की सरकार बनने पर किसानों का बैंक का कर्ज माफ किया जायेगा।
सरकार बनने के पश्चात किसानों का सहकारी बैंक और ग्रामीण बैंक का ही कर्ज माफ किया गया भूमि विकास बैंक के कर्ज को माफ नहीं किया गया ।
भूमि विकास बैंक लगभग 2 वर्ष पूर्व जिला सहकारी बैंक में मर्ज कर दिया गया है जिसके कारण जिला सहकारी बैंक द्वारा (भूमि विकास बैंक) के कर्जदारों को के.सी.सी. ऋण नहीं दिया जा रहा है एवं कृषक धान खरीदी केन्द्र में धान बेच नहीं पा रहे हैं, धान लेने पर भूमि विकास बैंक के कर्ज को काटने की बात कहते हैं। जिससे किसान बहुत असमंजस की स्थिति में हैं|
भूमि विकास बैंक से कर्ज लिए हुए किसान मूलधन से तीन गुना रकम पटा चुके हैं उसके बावजूद मूलधन से 4-5 गुना राशि पटाने हेतु नोटिस भेजी जा रही हैं।
जिला सहकारी बैंक का नियम है कि कालातील मुलधन मुलधन के बराबर ब्याज जमा कर देने से कर्ज अदायगी हो जाती है। जब भूमि विकास बैंक जिला सहकारी बैंक में मर्ज हो गया है तो जिला सहकारी बैंक को अपने नियम के अंतगर्त भूमि विकास बैंक का कर्ज (कालातीत मूलधन गुना ब्याज) के बराबर लेकर समझौता करना चाहिए।
अतः श्रीमान् से अनुरोध है कि ऋण माफी के अंतगर्त किसानों को इस ऋण से मुक्ति दिलाने की विशेष कृपा करें। ताकि किसान जिला सहकारी बैंक से केसीसी ऋण ले सके और अपनी उपज को धान खरीदी केन्द्र में देखकर उचित मूल्य प्राप्त कर सके।
नियमानुसार कर्ज पटाना पड़ेगा
जिला सहकारी बैंक बसना के ब्रांच मैनेजर श्री जगत के मुताबिक ये 20 साल पुराने है नियमानुसार उन्हें कर्ज पटाना पड़ेगा| किसानों ने मूलधन नहीं ब्याज का ब्याज पटाया है| कर्ज बचा रहने के कारण किसानों की धान बिक्री की रकम काटी जा रही है| राहत किश्तों में दी जा सकती है, कर्ज तो पटाना ही पड़ेगा| किसने कितनी रकम जमा की है इसे तो देखना पड़ेगा|
deshdigital के लिए बसना से बृजलाल दास की रिपोर्ट