गुजरात के भावनगर में बनेगा देश का पहला वाहन स्क्रेपिंग पार्क, आज होगा एमओयू
देश का पहला वाहन स्क्रेपिंग पार्क गुजरात के भावनगर में बनेगा| शुक्रवार को गांधीनगर के महात्मा मंदिर में स्क्रेपिंग पार्क को लेकर एक एमओयू होगा, जिसमें मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और परिवहन मंत्री आरसी फलदु मौजूदे रहेंगे|
अहमदाबाद | देश का पहला वाहन स्क्रेपिंग पार्क गुजरात के भावनगर में बनेगा| शुक्रवार को गांधीनगर के महात्मा मंदिर में स्क्रेपिंग पार्क को लेकर एक एमओयू होगा, जिसमें मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और परिवहन मंत्री आरसी फलदु मौजूदे रहेंगे|
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्री परिवहन मंत्री नितिन गडकरी वर्च्युअली उपस्थित रहेंगे| देशभर से 250 से अधिक ऑटोमोबाइल डीलरों और निवेशकों को कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है|
निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कार्यक्रम में एक हेन्डबुक भी जारी की जाएगी| गौरतलब है कि इसी साल केन्द्रीय बजट में नई स्क्रेप पॉलिसी का ऐलान किया गया है|
जिसमें 20 वर्ष और 15 साल पुराने कॉमर्शियल वाहनों के लिए स्वैच्छिक स्क्रेपिंग नीति बनाई गई है| यह नीति ऑटोमोबाइल और ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है|
नई स्क्रेप पॉलिसी अगले साल से लागू हो सकती है| स्क्रेप पॉलिसी के तहत 20 साल पुराने यात्री वाहन और 15 साल पुराने कॉमर्शियल वाहनों को स्क्रेप करने पर जोर दिया जाएगा|
गुजरात के भावनगर में वाहन स्क्रेप पार्क बनाए जाने की योजना है| बता दें कि भावनगर में एशिया के सबसे बड़ा अलग शिपब्रेकिंग यार्ड है, जहां दुनियाभार से हजारों टन के समुद्री जहाजों को तोड़ने के लिए लाया जाता है और उसके निकट ही वाहन स्क्रेप पार्क बनाया जा सकता है|
वाहन स्क्रेप पार्क बनने के लिए जिस प्रकार अलंग में जहाज तोड़े जाते हैं, उसी प्रकार वाहनों को स्क्रेप में तब्दील किया जाएगा| अलंग में जहाज तोड़ने के बाद उसका कबाड़ भावनगर स्थित अनेक रोलिंग मिल पहुंचता है और उससे नया मटीरियल बनता है|
भावनगर में अनेक रोलिंग मिल होने से जहाज के स्क्रेप की भांति वाहनों के स्क्रेप का रिसायकलिंग करना सरल होगा| संभवत: इसी वजह से देश के पहले वाहन स्क्रेपिंग पार्क के लिए गुजरात के भावनगर को चुना गया है|
वाहन स्क्रेप पार्क के लिए गुजरात सरकार बड़ी तैयारियां कर रही है| भावनगर में स्क्रेप पार्क की स्थापना से गुजरात में रिसायकलिंग और वेस्ट मैनेजमेंट को गति मिलेगी|
स्क्रेप को बेहतर तरीके से रिसायकलिंग किया जा सकेगा और इससे हजारों लोगों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रोजगार भी उपलब्ध होगा|