चीन ने बिना परमाणु सामग्री के विकसित किया विनाशकारी हाइड्रोजन बम, वैश्विक सुरक्षा पर बढ़ी चिंताएं

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नई दिल्ली: चीन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी नई तकनीक विकसित की है, जो परमाणु बम जैसी विनाशकारी शक्ति पैदा कर सकती है, लेकिन बिना यूरेनियम या प्लूटोनियम के. यह विस्फोट एक चांदी जैसे पाउडर, मैग्नीशियम हाइड्राइड, के उपयोग से हुआ, जो हाइड्रोजन आधारित उपकरण द्वारा संचालित है. इस खोज ने वैश्विक सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं.

हाइड्रोजन आधारित उपकरण से मेगा-विस्फोट
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, इस परीक्षण में एक अनोखे हाइड्रोजन आधारित उपकरण का उपयोग किया गया, जिसने एक बड़े पैमाने पर रासायनिक श्रृंखला प्रतिक्रिया को ट्रिगर किया. परिणामस्वरूप, 1000 डिग्री सेल्सियस से अधिक गर्मी वाला एक अग्नि गोला बना, जो 2 सेकंड तक जलता रहा—यह पारंपरिक विस्फोटकों से 15 गुना अधिक समय है.

चीन स्टेट शिपबिल्डिंग कॉर्पोरेशन द्वारा निर्माण
यह उपकरण चीन स्टेट शिपबिल्डिंग कॉर्पोरेशन (सीएसएससी) के 705 रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है. आश्चर्यजनक रूप से, इस हाइड्रोजन बम में कोई परमाणु सामग्री नहीं थी. विस्फोट के पीछे मैग्नीशियम हाइड्राइड था, जो एक महीन चांदी रंग का पाउडर है. मूल रूप से इसे बिजली विहीन क्षेत्रों में हाइड्रोजन पहुंचाने के लिए बनाया गया था, लेकिन अब इसे हथियारों में उपयोग के लिए रिसाइकल किया जा रहा है.

कैसे काम करता है यह बम?
पारंपरिक विस्फोटक द्वारा उत्तेजित होने पर, मैग्नीशियम हाइड्राइड तेजी से गर्म होता है और हाइड्रोजन (H₂) छोड़ता है, जो अत्यधिक प्रतिक्रियाशील होता है और तुरंत प्रज्वलन करता है. यह अग्नि गोला सामान्य बमों की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली है और इसमें कोई रेडिएशन नहीं होता. यही इसे एक नए प्रकार का हाइड्रोजन बम बनाता है.

मैग्नीशियम हाइड्राइड उत्पादन में बड़ी उपलब्धि
पहले, वैज्ञानिक एक दिन में केवल कुछ ग्राम मैग्नीशियम हाइड्राइड बना पाते थे, क्योंकि इस प्रक्रिया में उच्च तापमान और दबाव की आवश्यकता होती थी. साथ ही, हवा में ऑक्सीजन के संपर्क में आने पर अचानक विस्फोट का खतरा रहता था. लेकिन अब चीन ने शांक्सी प्रांत में एक मेगा-फैक्ट्री बनाई है, जो प्रति वर्ष 150 टन मैग्नीशियम हाइड्राइड का उत्पादन कर सकती है.

हाइड्रोजन: विनाशकारी शक्ति का स्रोत
शोधकर्ताओं के अनुसार, हाइड्रोजन को जलाना बहुत आसान है और इसे प्रज्वलित करने के लिए बहुत कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है. यह तेजी से फैलता है, जिससे यह पारंपरिक विस्फोटकों की तुलना में कहीं अधिक विनाशकारी है और इसमें रेडिएशन का कोई जोखिम नहीं है.

हथियारों के अलावा अन्य उपयोग
यह तकनीक केवल हथियारों तक सीमित नहीं है. इसका उपयोग पनडुब्बी ईंधन सेल और लंबी दूरी के ड्रोन को शक्ति प्रदान करने के लिए भी किया जा सकता है, जो सैन्य और नागरिक अनुप्रयोगों के लिए संभावित ऊर्जा स्रोत बन सकता है.

यह खोज वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य को बदल सकती है, और विशेषज्ञ इसकी संभावित चुनौतियों और प्रभावों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं.

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