कमजोर देशों को मिलेगी 650 अरब डॉलर की मदद, आईएमएफ का फैसला
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के प्रशासनिक निकाय ने कोरोना वायरस महामारी और आर्थिक मंदी का सामना कर रहे आर्थिक रूप से कमजोर देशों की मदद में 650 अरब अमेरिकी डॉलर की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है।
मुंबई । अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के प्रशासनिक निकाय ने कोरोना वायरस महामारी और आर्थिक मंदी का सामना कर रहे आर्थिक रूप से कमजोर देशों की मदद में 650 अरब अमेरिकी डॉलर की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है।
आईएमएफ ने कहा कि उसके प्रशासनिक बोर्ड ने विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) नामक अपने भंडार को बढ़ाने की मंजूरी दी है, जो संस्था के इतिहास में सबसे बड़ी वृद्धि है। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है और अभूतपूर्व संकट के समय वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक उत्प्रेरक है।
उन्होंने कहा कि यह विशेष रूप से हमारे सबसे कमजोर देशों को कोविड-19 संकट के प्रकोप से निपटने में मदद करेगा। एसडीआर का सामान्य आवंटन 23 अगस्त से प्रभावी हो जाएगा।
बढ़ा हुआ कोष उसके सदस्य देशों को उनके मौजूदा कोटा के अनुपात में जारी किया जाएगा। नए आवंटन में करीब 275 अरब डॉलर दुनिया के गरीब देशों को जाएगा। एजेंसी ने कहा कि वह यह भी देख रही है कि धनी देश स्वेच्छा से एसडीआर को गरीब देशों में कैसे भेज सकते हैं।
आईएमएफ के संसाधनों में बड़ी बढ़ोतरी को ट्रंप प्रशासन ने खारिज कर दिया था, लेकिन जनवरी में राष्ट्रपति जो बाइडन के पदभार संभालने के बाद वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया। इससे पहले पिछले हफ्ते ही अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ ने कहा था कि भारत की स्थिति सुधारने के लिए छोटे कारोबारियों और कमजोर हाउसहोल्ड को और राहत पैकेज की जरूरत है।