छत्तीसगढ़ ने कोल इंडिया से MCL की जगह SECL का कोयला माँगा
राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ स्थित उद्योगों को महानदी कोल फील्ड के स्थान पर एसईसीएल की खदानों से कोयले का आबंटन करने का आग्रह कोल इंडिया से किया गया है। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा कोल इंडिया के जनरल मैनेजर (एस एंड एम) को इस संबंध में पत्र लिखा गया है।
रायपुर| राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ स्थित उद्योगों को महानदी कोल फील्ड (MCL ) के स्थान पर एसईसीएल की खदानों से कोयले का आबंटन करने का आग्रह कोल इंडिया से किया गया है। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा कोल इंडिया के जनरल मैनेजर (एस एंड एम) को इस संबंध में पत्र लिखा गया है।
वर्तमान में छत्तीसगढ़ स्थित उद्योगों को कोयले का आबंटन महानदी कोल फील्ड (MCL ) से किया जा रहा है, जबकि राज्य सरकार एसईसीएल से कोयले के आबंटन को प्राथमिकता देती है। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा कोल इंडिया को लिखे पत्र में कहा गया है कि SECL छत्तीसगढ़ स्थित कम्पनी है।
SECL से कोयले के आबंटन से परिवहन में सुविधा होगी और परिवहन व्यय भी कम होगा, जिससे उद्योगों को कोयला सस्ता मिलेगा। कोल इंडिया से इस संबंध में जल्द से जल्द निर्णय लेने का आग्रह भी किया गया है।
कोल इंडिया के जनरल मैनेजर (एस एंड एम) को इस संबंध में लिखे गए पत्र में बताया गया है कि राज्य सरकार द्वारा कोयले के आबंटन के लिए छत्तीसगढ़ स्टील रि -रोलर्स एसोसिएशन को एडीशनल राज्य एजेंसी नामांकित किया गया है। इस एजेंसी ने भी एसईसीएल से कोयले का आबंटन करने का आग्रह किया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 तथा वर्ष 2021-22 के लिए छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम को स्टेट एजेेंसी तथा छत्तीसगढ़ स्टील रि-रोर्ल्स एसोसिएशन को एडीशनल स्टेट एजेंसी नामांकित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा एडीशनल स्टेट एजेंसी को छत्तीसगढ़ के उद्योगों के लिए एक लाख मीट्रिक टन कोयला प्रतिवर्ष आबंटित करने की अनुशंसा कोल इंडिया से की है।
राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ स्टील रि-रोलर्स एसोसिएशन को कोल आबंटन हेतु कुछ शर्तों के साथ स्टेट एजेंसी नामंाकित किया गया है, जिसके अनुसार छत्तीसगढ़ स्टील रि-रोलर्स एसोसिएशन को सदस्य इकाईयों (उद्योगों) को आबंटित कोल की सूचना तत्काल राज्य सरकार के उद्योग संचालनालय तथा संबंधित जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों को उपलब्ध कराना होगा। इसी प्रकार इस एसोसिएशन की सदस्य इकाईयों (उद्योगों) को कोल प्राप्ति के बाद कोल आवक सूचना संबंधित जिले के व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों को प्रदान करनी होगी।
जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा इकाईयों को प्राप्त कोयले के भौतिक सत्यापन के बाद ही उसका उपयोग सुनिश्चित करना होगा। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा 3 दिन में सत्यापन नहीं किया जाता है, तो संबंधित स्टाक पंजी में इसका उल्लेख कर कोल का उपयोग करना होगा।
जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा कोल उपयोगिता की नियमित जांच की जाएगी। इकाईयों द्वारा कोल उपयोगिता संबंधी पंजी निरीक्षणकर्ता अधिकारी (जिला व्यापार उद्योग केन्द्र) से सत्यापन कराने के पश्चात कोल हेतु आवेदन करने पर प्रस्तुत करना होगा।
कोल स्टॉक पंजी, उत्पादन की जानकारी की पंजी, विक्रय पंजी, रायल्टी भुगतान एवं टैक्स भुगतान से संबंधी समस्त जानकारी की पंजी संधारित और सत्यापित करानी होगी। संबंधित इकाईयों द्वारा शर्तों का पालन किए जाने पर तत्काल उन इकाईयों का कोल प्रदाय निरस्त करने की कार्यवाही संचालक उद्योग द्वारा की जाएगी। सदस्य इकाईयों से इन शर्तों का अनिवार्यतः पालन सुनिश्चित कराने का दायित्व छत्तीसगढ़ स्टील रि-रोलर्स एसोसिएशन का होगा।