नई दिल्ली| कैडबरी इंडिया लिमिटेड पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोप में सीबीआई ने मामला दर्ज कर उसके सोलन, बद्दी, मोहाली, पिंजौर और मुंबई के 10 ठिकानों की तलाशी ली। कंपनी पर आरोप है कि उसने हिमाचल प्रदेश के बद्दी क्षेत्र में टैक्स के फायदे लेने के लिए गड़बड़ियां की हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कैडबरी इंडिया लिमिटेड ने हिमाचल प्रदेश के बद्दी क्षेत्र में टैक्स के फायदे लेने के लिए ये गड़बड़ियां की हैं।
सीबीआई ने एक दर्जन लोगों पर मामला दर्ज किया है। इसमें 2 तत्कालीन केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिकारी, कैडबरी इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के वित्त के तत्कालीन उपाध्यक्ष विक्रम अरोड़ा और इसके निदेशक राजेश गर्ग और जेलबॉय फिलिप्स शामिल हैं।
सीबीआई ने जांच में पाया कि कैडबरी ने बद्दी में कथित रूप से क्षेत्र-आधारित टैक्स छूट (केंद्रीय उत्पाद शुल्क और आयकर) का लाभ लेने के लिए रिश्वत दी| तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर धोखाधड़ी की। जबकि कंपनी लाभ पाने की हकदार नहीं थी।
कैडबरी इंडिया लिमिटेड ने सैंडहोली गांव में बोर्नवीटा बनाने के लिए मैन्यूफेक्च रिंग यूनिट स्थापित की थी। 15 महीने बाद कंपनी ने कहा कि उसकी दूसरी इकाई ने उत्पादन शुरू कर दिया है, जिसके लिए उसे टैक्स छूट का लाभ दिया जाना चाहिए, जो कि संभव नहीं था क्योंकि कंपनी ने पहले ही कहा था कि वह पहले से मौजूद यूनिट में दूसरी यूनिट जोड़ने जा रहा है और पहली यूनिट को 2005 से टैक्स छूट का लाभ मिल रहा था
कैडबरी ने छूट प्राप्त करने की आखिरी तारीख से 2 दिन पहले 29 मार्च 2010 को एक अलग कंपनी कैडबरी इंडिया लिमिटेड यूनिट 2 के नाम पर दूसरी यूनिट लगाने की मांग की। इसके लिए कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने कई लोगों के साथ मिलकर साजिश रची और टैक्स छूट में लाभ लेने के लिए एक अलग कंपनी के रूप में दूसरी यूनिट स्थापित करने के लिए जरूरी अप्रूवल लिए, जबकि वह यह लाभ पाने के योग्य नहीं थी।