जम्मू/इस्लामाबाद: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का एक जवान कथित तौर पर गलती से सीमा पार करने के बाद पाकिस्तान की हिरासत में है. सूत्रों के अनुसार, यह घटना जम्मू-कश्मीर के एक सीमावर्ती क्षेत्र में हुई, जहां जवान गश्त के दौरान भटक गया और अनजाने में पाकिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश कर गया.
घटना का विवरण
सूत्रों ने बताया कि जवान, जिसकी पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास नियमित गश्त पर था. खराब मौसम और घने कोहरे के कारण वह अपनी दिशा भटक गया और पाकिस्तानी क्षेत्र में चला गया. पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे हिरासत में ले लिया और पूछताछ के लिए अज्ञात स्थान पर ले गए.
भारत का रुख: भारतीय अधिकारियों ने इस घटना को “अनजाने में सीमा पार करना” करार दिया है और जवान की सुरक्षित वापसी के लिए पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक स्तर पर बातचीत शुरू कर दी है.
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पहले से ही चरम पर है. हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कूटनीतिक कदम उठाए थे, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने शिमला समझौता स्थगित कर दिया और भारत के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया. इस घटना से दोनों देशों के बीच संबंधों में और तनाव बढ़ने की आशंका है.
कूटनीतिक प्रयास
बीएसएफ और भारतीय सेना ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ हॉटलाइन के जरिए संपर्क स्थापित किया है. सूत्रों के अनुसार, भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि जवान ने अनजाने में सीमा पार की थी और इसे मानवीय आधार पर हल किया जाना चाहिए. दोनों देशों के बीच नियमित रूप से होने वाली फ्लैग मीटिंग में भी इस मुद्दे को उठाए जाने की संभावना है.
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएँ
भारत-पाकिस्तान सीमा पर इस तरह की घटनाएँ पहले भी हो चुकी हैं, जहां सैनिक या नागरिक गलती से सीमा पार कर गए और उन्हें हिरासत में लिया गया. अतीत में, दोनों देशों ने कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से ऐसे मामलों को सुलझाया है. हालांकि, मौजूदा तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए, इस मामले का समाधान जटिल हो सकता है.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर
इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है, विशेष रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनावों के मद्देनजर. कूटनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों को इस मामले को और बढ़ाने से बचना चाहिए और मानवीय आधार पर जवान की वापसी सुनिश्चित करनी चाहिए.