नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए सख्त चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि इस हमले के लिए जिम्मेदार हर आतंकी को “कल्पना से परे सजा” दी जाएगी. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया.
प्रधानमंत्री का कड़ा संदेश
पहलगाम हमले के बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई और सख्त होगी. इस हमले के पीछे जो भी है, उसे बख्शा नहीं जाएगा. हर आतंकी को ऐसी सजा दी जाएगी जो न केवल उसे, बल्कि आतंक के रास्ते पर चलने वालों के लिए भी सबक होगी.” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी.
पीएम का संकल्प: “हमारे नागरिकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. आतंकवाद का कोई भी रूप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.” – नरेंद्र मोदी
पहलगाम हमले का गहरा प्रभाव
पहलगाम में हुआ यह आतंकी हमला हाल के वर्षों में सबसे घातक हमलों में से एक है. पर्यटकों को निशाना बनाए जाने से न केवल जम्मू-कश्मीर में पर्यटन उद्योग पर संकट मंडरा रहा है, बल्कि पूरे देश में गुस्सा और आक्रोश फैल गया है. हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा चूक की बात स्वीकारी थी और जांच के आदेश दिए थे.
सरकार की त्वरित कार्रवाई
पीएम के बयान के बाद सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी रणनीति को और तेज कर दिया है. भारतीय वायुसेना ने जम्मू-कश्मीर में पहाड़ी और जमीनी ठिकानों पर हमले का अनुकरण करते हुए बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास शुरू किया है. इसके अलावा, खुफिया एजेंसियों को आतंकी नेटवर्क को नष्ट करने और संभावित खतरों की पहचान करने के लिए अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं.
पाकिस्तान पर निशाना
हालांकि पीएम ने अपने संबोधन में किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है. हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया और कई कूटनीतिक कदम उठाए, जिनके जवाब में पाकिस्तान ने शिमला समझौता स्थगित कर दिया. पीएम के बयान को पाकिस्तान के लिए एक अप्रत्यक्ष चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है.
जनता और विपक्ष की प्रतिक्रिया
पीएम के इस बयान का देशभर में स्वागत किया गया है, लेकिन विपक्ष ने सरकार से ठोस कार्रवाई की मांग की है. विपक्षी नेताओं ने कहा कि केवल बयानबाजी से काम नहीं चलेगा, बल्कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए दीर्घकालिक रणनीति की जरूरत है. जनता भी सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएँ व्यक्त कर रही है और आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रही है.
पहलगाम हमला भारत के सामने मौजूद सुरक्षा चुनौतियों की गंभीरता को दर्शाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि आतंकवाद से निपटने के लिए न केवल सैन्य कार्रवाई, बल्कि खुफिया तंत्र को मजबूत करने, सीमा सुरक्षा को बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को गहरा करने की जरूरत है. पीएम का यह वादा देशवासियों के लिए उम्मीद की किरण है, लेकिन इसे हकीकत में बदलने के लिए सरकार को कठिन रास्ते से गुजरना होगा.