अमर जवान ज्योति की लौ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ज्योति में विलय

राष्ट्रीय राजधानी के इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति की लौ को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में ज्योति के साथ विलय कर दिया गया | आज के बाद से अब इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर ये लौ नहीं दिखाई देगी। 

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नई दिल्ली | राष्ट्रीय राजधानी के इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति की लौ को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में ज्योति के साथ विलय कर दिया गया | आज के बाद से अब इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर ये लौ नहीं दिखाई देगी।
अमर जवान ज्योति की लौ को एक साथ मिलाने के लिए  करीब आधे घंटे की खास रस्म निभाई गई। इस सैन्य समारोह की अध्यक्षता एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण ने की।

अमर जवान ज्योति को सबसे पहले 1972 में इंडिया गेट आर्च के नीचे 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में शुरू किया गया था। तभी से यह ज्वाला अनन्त रूप से जल रही थी।

 

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक उन सभी सैनिकों और गुमनाम नायकों की याद में बनाया गया है, जिन्होंने आजादी के बाद से देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

यह इंडिया गेट परिसर के पास ही 40 एकड़ में फैला हुआ है। यह 1962 में भारत-चीन युद्ध, भारत-पाक के बीच हुए 1947, 1965, 1971 और 1999 कारगिल युद्धों दौरान अपने प्राणों की आहूति देने वाले सैनिकों को समर्पित है। इसके साथ ही यह श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के संचालन के दौरान और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के दौरान शहीद हुए सैनिकों को भी समर्पित है।

बता दें कि अमर जवान ज्योति के  विलय पर  कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी | दिल्ली में कांग्रेसियों ने विरोध में प्रदर्शन भी किया |

कांग्रेस की  आपत्ति पर शुक्रवार को केन्द्र सरकार ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि जवानों को समर्पित इस अखंड ज्योति को बुझाया नहीं जा रहा है बल्कि इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में ज्योति में समाहित किया जायेगा।

इंडिया गेट पर अंकित नाम केवल कुछ शहीदों के हैं जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो अफगान युद्ध में अंग्रेजों के लिए लड़ाई लड़ी थी और इस प्रकार यह हमारे औपनिवेशिक अतीत का प्रतीक है। वर्ष 1971 के युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए लौ जलते देखना एक अजीब बात थी, लेकिन इंडिया गेट पर उनके किसी भी नाम का उल्लेख नहीं था।

अमर जवान ज्योति की लौ के बारे में बहुत सारी गलत सूचनाएँ प्रसारित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि 1971 और इसके पहले और बाद के युद्धों सहित सभी युद्धों में भारतीय शहीदों के नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में लिखे गए हैं। यह एक सच्ची श्रद्धांजलि है कि वहां शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाए।

बता दें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने अमर जवान ज्योति को बुझाने की योजना बनाने के लिए सरकार पर तीखा तंज कसा था । श्री गांधी ने इससे पहले ट्वीट किया, “अत्यंत दु:ख का विषय है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी वह आज बुझ जाएगी। कुछ लोग देशभक्ति और बलिदान को नहीं समझ सकते कोई बात नहीं… हम अपने जवानों के लिए एक बार फिर अमर जवान ज्योति जलाएंगे।”

 

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