शिक्षा के साथ संस्कार भी आवश्यक: जैन साध्वी दर्शना श्री जी
जैन साध्वी दर्शना श्री जी महाराज ने कहा शिक्षा के साथ संस्कार भी आवश्यक है, जैसे जहां पेड़ और पानी एक साथ हो, वहां हरियाली अपने आप आ जाती है. उसी तरह जहां शिक्षा और संस्कार, वहां कामयाबी अपने आप आ जाती है.
उदयपुर| जैन साध्वी दर्शना श्री जी महाराज ने कहा शिक्षा के साथ संस्कार भी आवश्यक है, जैसे जहां पेड़ और पानी एक साथ हो, वहां हरियाली अपने आप आ जाती है. उसी तरह जहां शिक्षा और संस्कार, वहां कामयाबी अपने आप आ जाती है.
शिक्षा और संस्कार बिषय पर ब्याख्यान का आयोजन स्कायरिच एजूकेशन हा से स्कूल उदयपुर में जनपद अध्यक्ष श्रीमती भोजवन्ती सिंह की अध्यक्षता एवं मंदिर मार्गी श्वेताम्बर समवेत जैन साध्वी श्रद्धेया दर्शना श्री जी महाराज, साध्वी श्रद्धेया प्रभा श्री जी महाराज के आतिथ्य में मां सरस्वती जी के प्रतिमा के समक्ष मंगल दीप प्रज्जवलित कर प्रारंभ हुआ.
विद्यालय के प्राचार्य श्री राम प्रसाद गुप्ता ने अतिथियों का श्री फल द्वारा स्वागत करते हुए जैन साध्वी श्री जी का परिचय कराते हुए कहा, जीवन की कठिन तपस्या, साधना के बाद जैन संत बनते हैं. जीवन के अत्यंत सीमित साधनों से गुरू आदेशानुसार पवित्र जैन तीर्थ क्षेत्रों का विचरण एवं विहार करते हुए मानव कल्याण के साथ सतमार्गी बनने का प्रेरणा देते हैं. जैन साध्वी इसी क्रम में बिहार प्रांत से कोरबा होते हुए उदयपुर से बनारस की ओर जा रहे हैं .
जैन साध्वी दर्शना श्री जी महाराज ने कहा शिक्षा के साथ संस्कार भी आवश्यक है, जैसे जहां पेड़ और पानी एक साथ हो, वहां हरियाली अपने आप आ जाती है. उसी तरह जहां शिक्षा और संस्कार, वहां कामयाबी अपने आप आ जाती है. आगे उन्होंने कहा माता पिता की सेवा करना, ईश्वर की पूजा और भक्ति से बढ़कर है. इनका स्थान स्वर्ग से ऊंचा है कारण उनकी दया एवं लालन पालन से हम आज़ और कल अच्छा बनायेंगे. ईश्वर का दूसरा रूप माता पिता हैं.
उक्त अवसर पर जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती भोजवन्ती सिंह जी ने कहा शिक्षा और संस्कार हमारे जीवन को नई दिशा देते हैं जहां हममें अच्छे छात्र के साथ विनम्र आदर्श आचार व्यवहार हमारे आचरण में दिखाई देता है. हमें माता पिता गुरु के प्रति वंदनीय भाव, बराबरी में मित्रवत व्यवहार ,छोटों के प्रति दया प्रेम स्नेह का विचार आता है यह सब संस्कार से मिलते हैं.
कार्यक्रम में विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अतिथियों का स्वागत अभिनन्दन किया. उक्त अवसर पर विद्यालय के छात्र छात्राओं तथा अभिभावकों की गरिमा मयी उपस्थित रही. संस्था के सभी शिक्षक शिक्षिका का सराहनीय पहल रहा. कार्यक्रम का समापन शांति पाठ मंत्र के साथ हुआ.
deshdigital के लिए क्रांतिकुमार रावत