हाथियों ने ईंट लोड वाहन का दरवाजा तोड़ा, जान बचाकर भागे सवार
हाथियों ने ईंट लोड वाहन का दरवाजा तोड़ा, सवार जान बचाकर भागे. घटना केदमा रोड पर ललमटिया घाट के पास शुक्रवार दोपहर हुई.
उदयपुर| हाथियों ने ईंट लोड वाहन का दरवाजा तोड़ा, सवार जान बचाकर भागे. घटना केदमा रोड पर ललमटिया घाट के पास शुक्रवार दोपहर हुई.
11 हाथियों का दल एक सप्ताह से उदयपुर वन परिक्षेत्र में सक्रिय है. लगातार किसानों की धान की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे है. अब तक साठ से अधिक किसानों की लगभग 7 हेक्टेयर फसलों को नुकसान पहुंचा चुका है. तीन किसानों की घरों को आंशिक रूप से तोड़ चुका है. हाथियों ने शुक्रवार को केदमा रोड पर ललमटिया घाट के पास दोपहर तीन बजे करीब ईंट लोड 407 वाहन के गेट को बुरी तरह से क्षति ग्रस्त कर बोनट को भी नुकसान पहुंचाया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त वाहन उदयपुर से मानपुर पंचायत भवन ईंट लोड करके जा रहा था. इसी दौरान ड्राइवर ने देखा की हाथियों का दल सड़क पार कर रहा है. तब सुरक्षा की दृष्टि से ड्राइवर गाड़ी को लगभग 50 मीटर दूर रोक दिया तब हाथियों ने गाड़ी की ओर रुख कर लिया. हाथियों को अपनी ओर आता देख वाहन चालक गाड़ी से उतरा और गाड़ी में बैठे लेबरों को वहां से भागने को कहा. जब तक 11 हाथियों का दल वाहन तक पहुंचता तब तक चालक और लेबर वहां से अपनी जान बचाकर भाग चुके थे. गाड़ी के समीप आकर हाथियों ने गाड़ी के गेट और बोनट को तोड़ दिया.
वन अमला डीएफओ टी शेखर के नेतृत्व में घटना स्थल पहुंच कर जायजा लिया तथा वाहन मालिक को मुआवजा प्रकरण तैयार करने के लिए वाहन के दस्तावेज पेश करने को कहा गया है. दो दिन पूर्व वाहन स्वामी विजय यादव के धान के फसलों को भी हाथियों ने काफी नुकसान पहुंचाया है.
हाथियों का दल अभी भी महेशपुर के जंगल में डेरा जमाए हुए है, जोकि दोपहर व शाम को कभी भी केदमा मार्ग पर पहुंच जा रहे है जिससे आम नागरिकों को आवागमन में काफी दिक्कत हो रही है. लोग डर के बीच उक्त सड़क में आना जाना कर रहे है. वन अमला के 24 घंटे निगरानी की और लगातार जन जागरूकता की वजह से जन हानि नहीं हुई है.
गुरुवार की रात को मानपुर की एक बुजुर्ग महिला को जैसे ही घर से दूसरे जगह ले जाया गया उसके 2 घण्टे बाद ही हाथियों ने घर को तोड़ दिया. शनिवार को वन अमला रेंजर गजेंद्र दोहरे रमेश सिंह चंद्रभान संतोष नंदकेश्वर दिनेश तिवारी इत्यादि वन कर्मचारियों के साथ हाथियों की निगरानी में डटे हुए हैं.
deshdigital के किये रजिंदर खनूजा