सुलगे सिलगेर की आंच अब भी कायम, लिखित में चाहते हैं बातों पर भरोसा नहीं
सुलगे सिलगेर की आंच अभी भी कायम है, सरकार की ओर से भेजी गई टीम ने दो बार चर्चा की लेकिन ग्रामीण आन्दोलनकारी अब भी कैंप हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं। सरकार पर वे बातों पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं वे इसे लिखित में चाहते हैं| बारिश के बाद भी वे डटे हुए हैं |
बीजापुर| सुलगे सिलगेर की आंच अभी भी कायम है, सरकार की ओर से भेजी गई टीम ने दो बार चर्चा की लेकिन ग्रामीण आन्दोलनकारी अब भी कैंप हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं। सरकार पर वे बातों पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं वे इसे लिखित में चाहते हैं| बारिश के बाद भी वे डटे हुए हैं |
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— Nevendra Dhruv (@DhruvNevendra) June 3, 2021
उधर बातचीत करने गई टीम के अगुआ बस्तर संसद दीपक बैज के मुताबिक चर्चा सकारात्मक रही| जांच दल ने उनकी मांगों पर सकारात्मक पहल करते हुए विकास के मुद्दे पर समिति बनाने की सहमति दी एवं ग्रामीणों द्वारा अन्य मांग रखे जाने पर पूर्ण करने का आश्वासन दिया।
सिलगेर में स्थापित कैंप और गोली कांड के विरोध में पिछले 20 दिनों से चल रहे आंदोलन के बीच गुरुवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा गठित टीम बस्तर सांसद दीपक बैज की अध्यक्षता में ग्रामीणों और आंदोलनकारियों से चर्चा करने के लिए सिलगेर पहुंची|
चर्चा के पहले चरण में सरकार द्वारा गठित टीम और ग्रामीणों के बीच करीब आधे घंटे तक चर्चा चली जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा 5 सूत्रीय मांग टीम के समक्ष रखी गई| उन मांगों को लेकर टीम वापस बासागुड़ा पहुंची| जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री से चर्चा के उपरांत 45 मिनट बाद टीम दुबारा आंदोलनकारी ग्रामीणों के बीच पहुंची| जहां करीब पुनः 45 मिनट के चर्चा और वार्ता के बाद बस्तर सांसद दीपक बैज ने पत्रकारों को बताया कि ग्रामीणों के साथ सार्थक वार्ता की गई है|
बताया गया कि ग्रामीणों द्वारा कैंप हटाने, गोली कांड की न्यायिक जांच समेत 5 सूत्रीय मांगों पर लिखित आश्वासन मांगा है जिस पर शुक्रवार को उन्हें उन मांगों पर लिखित आश्वासन दिया जाएगा जो पूर्ण किए जा सकते हैं|
इधर कैंप हटाने के सवाल पर बस्तर सांसद ने कहा कि कैंप का मामला राज्य व केंद्र सरकार का है इस पर निर्णय सरकार द्वारा लिया जाएगा, जबकि 8 सदस्य टीम द्वारा इस पूरे मामले की रिपोर्ट प्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्य सरकार को सौंपी जाएगी| वहीं दूसरी और अब भी ग्रामीण कैंप हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
इस दौरान विधायक बस्तर एवं बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, संसदीय सचिव चंदन कश्यप, विधायक चित्रकोट एवं बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजमन बेंजाम, बीजापुर विधायक एवं बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी, विधायक केशकाल संतराम नेताम, विधायक कांकेर शिशुपाल सोरी सहित जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुड़ियम, उपाध्यक्ष कमलेश कारम, बस्तर कमिश्नर जी आर चुरेन्द्र, पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज, डीआईजी सीआरपीएफ कोमल सिंह, कलेक्टर बीजापुर रितेश कुमार अग्रवाल, कलेक्टर सुकमा विनीत नंदनवार, एसपी बीजापुर कमलोचन कश्यप सहित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।
बता दें सुलगे सिलगेर को कई संगठनों से समर्थन मिला रहा है| इसके पहले छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल कांग्रेस के नारायणपुर विधायक चंदन कश्यप ने बस्तर में मुठभेड़ में मारे जा रहे आदिवासियों को लेकर बड़ा सवाल खड़ा किया है| कश्यप ने कहा सिलगेर जैसे मामले होने ही नहीं चाहिए थे। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि नारायणपुर पुलिस गाँव वालों को पकड़ कर उन्हें माओवादी घोषित कर देती है।
सिलगेर मामले में नारायणपुर के विधायक चंदन कश्यप ने बयान देते हुए बड़ी बात कही
कहा सिलगेर जैसे मामले होने ही नहीं चाहिए थे।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि नारायणपुर पुलिस गाँव वालों को पकड़ कर उन्हें माओवादी घोषित कर देती है।
बड़ा जिगरा है विधायक जी का
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— Bastar Talkies (@BastarTalkies) June 2, 2021