पैरा कमांडो बनकर बेटा जब गांव लौटा
महासमुंद जिले के पिथौरा क्षेत्र के एक ग्राम का युवक संजीव कुमार बरिहा पांच साल भारतीय सेना में सेवा देने के बाद पैरा कमांडो के प्रशिक्षण के बाद कुछ समय के लिए ग्राम लौटने पर ग्रामीणों ने संजीव का स्वागत एक हीरो की तरह धूमधाम से किया.
पिथौरा| महासमुंद जिले के पिथौरा क्षेत्र के एक ग्राम का युवक संजीव कुमार बरिहा पांच साल भारतीय सेना में सेवा देने के बाद पैरा कमांडो के प्रशिक्षण के बाद कुछ समय के लिए ग्राम लौटने पर ग्रामीणों ने संजीव का स्वागत एक हीरो की तरह धूमधाम से किया. स्वागत देख कर अब ग्राम एवम क्षेत्र के अनेक युवा देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत दिखाई दे रहे है.
कल कसडोल विकासखण्ड एवम पिथौरा नगर के समीप के वन ग्राम गबोद निवासी संजीव बरिहा पैरा कमांडो फ़ोर्स के प्रशिक्षण के बाद कुछ समय परिवार के साथ बिताने के लिए वापस अपने ग्राम लौटा.
संजीव के बचपन के बचपन के मित्र किशोर प्रधान ने बताया कि श्री बरिहा के ग्राम आने की खबर ग्रामीणों को मिलते ही पूरे ग्राम में उत्साहमिश्रित खुशी की लहर दौड़ गयी. पूरा ग्राम स्वागत के लिए उमड़ पड़ा और महिलाएं आरती की थाल सजाकर एवम ग्रामीण ताजे फूलों की माला लेकर ग्राम के मुहाने पहुच गए. ग्राम का माहौल एक उत्सव जैसा लग रहा था. जैसे ही संजीव पिथौरा से ग्राम गबोद पहुचे ग्राम के मुहाने पर ही उन्हें फूल मालाओं से लाद कर उनका उत्साह से स्वागत किया गया.
महिलाओं ने उत्तरी आरती,सेल्फी लेने होड़
संजीव के ग्राम के मुहाने पर ही पहुचने पर ग्रामीणों के स्वागत के साथ महिलाओं ने उनकी आरती उतारी. संजीव के ग्रामीण मित्र मंडली उनसे गले मिल कर भावुक हो रहे थे. वही ग्राम के युवक युवतियो की संजीव सेल्फी लेने की होड़ लगी थी.
किसान पुत्र है संजीव बरिहा
संजीव बरिहा के पिता घूरेलाल बरिहा मूलतः कृषक है. दो भाइयों में संजीव बड़ा है. इनका भारतीय सेना में 5 वर्ष पूर्व चयन हुआ था. लगातार सेना में सक्रिय सेवा देने के बाद इनका चयन पैरा कमांडो के पद पर हुआ.अब वे कमांडो का प्रशिक्षण भी पूर्ण कर चुके है.उक्त पद पर नियुक्त होने के पूर्व वे कल अपने परिवार के बीच कुछ दिन बिताने गृह ग्राम गबोद आये है.
deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा