महासमुंद खनिज अधिकारी का RTI जवाब, MLA और नेताओं पर टिप्पणी से सनसनी
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के खनिज अधिकारी ने रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन व भंडारण पर कार्रवाई के संबंध में RTI के तहत दी गई जानकारी में महासमुंद विधायक व संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर तथा पूर्व विधायक व छग राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के मौजूदा अध्यक्ष अग्नि चंद्राकर और सत्ता पक्ष के लोगों के प्रति सनसनीखेज टिप्पणी की है| यह सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है|
महासमुंद| छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले का खनिज विभाग फिर एक बार सुर्खियों में आ गया है| खनिज अधिकारी ने नदी-नालों से रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन व भंडारण पर कार्रवाई के संबंध में RTI के तहत दी गई जानकारी में महासमुंद के विधायक व संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर तथा पूर्व विधायक व छग राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के मौजूदा अध्यक्ष अग्नि चंद्राकर और सत्ता पक्ष के लोगों के प्रति सनसनीखेज टिप्पणी की है| यह सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है|
महासमुंद खनिज अधिकारी ने लिखित जानकारी में विधायक और संसदीय सचिव का नाम लेते हुए कहा है कि रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन या भंडारण में उनकी संलिप्तता नहीं है, लेकिन यह अवैध कार्य करने वाले सत्ता पक्ष के लोग हैं| खनिज अधिकारी ने मामले की कलेक्टर व मुख्यमंत्री से शिकायत करने वाले पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर के संबंध में कहा है कि उनका आरोप-प्रत्यारोप राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता प्रतीत होता है|
महासमुंद जिले में रेत के अवैध उत्तखनन, परिवहन, भंडारण का मामला प्रदेशभर में सुर्खियों में रहा है| दरअसल, जिले में नदी-नालों से रेत का अवैध उत्खनन, परिवहन, भंडारण होता रहा और खनिज विभाग सोता रहा|
बिरकोनी क्षेत्र में जब रेत के बड़े-बड़े पहाड़ खड़े हो गए तो मीडिया में हल्ला मचा. सवाल सुलगने लगे| यहां तक सिरपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री को भी सवालों का सामना करना पड़ा| तब खनिज विभाग ने कार्रवाई शुरू की लेकिन कार्रवाई के नाम पर खनिज विभाग ने रेत के 2-4 अवैध भंडारों पर कार्रवाई कर खानापूर्ति ही की|
नदी-नालों से रेत की लूट, खनिज विभाग के रवैये और शासन को हो रही राजस्व क्षति को देखते हुए पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा|
पत्र में श्री चंद्राकर ने अधिकारियों की कार्य प्रणाली की आलोचना करते हुए शासन की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया था| खनिज संपदा रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन, भंडारण पर नियमानुसार ठोस कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी थी| इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया, प्रशानिक अधिकारियों की टीमें बनाई गईं और जांच कार्रवाई आगे बढ़ाई गई|
कुछ अवैध भंडारण कर्ताओं से पेनाल्टी वसूल कर भंडारण की अनुज्ञा प्रदान की गई, लेकिन कई महीने बाद भी अनेक अवैध रेत भंडारों पर कार्रवाई नहीं की जा सकी है|
इस पर आरटीआई कार्यकर्ता पंकज साहू ने खनिज विभाग से RTI के तहत जानकारी मांगी कि पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर द्वारा की गई शिकायत पर क्या कार्रवाई की गई है?
इस पर खनिज अधिकारी द्वारा RTI में जो जानकारी दी गई है उससे साफ पता चलता है कि विभाग अभी तक रेत के अवैध परिवहन और भंडारण के मामलों पर कार्रवाई पूरी नहीं कर पाया है| तिस पर अपनी नाकामी छिपाने के लिए खनिज अधिकारी ने विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर के नाम का इस्तेमाल किया है|
RTI के तहत दी गई जानकारी में खनिज अधिकारी ने कहा है कि रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन व भंडारण के मामलों में विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर की कोई संलिप्तता नहीं है|
ध्यान देने की बात है कि पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर ने अपनी शिकायत या पत्र में कहीं भी विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर का किसी प्रकार से जिक्र नहीं किया था, तब खनिज अधिकारी को RTI के तहत दी गई जानकारी में विधायक के संबंध में ऐसी बात कहने की जरूरत ही क्यों पड़ी?
इतना ही नहीं खनिज अधिकारी ने RTI लिखित जानकारी में यह भी कहा है कि पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर का आरोप-प्रत्यारोप राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता प्रतीत होती है| खनिज अधिकारी ने यह भी कहा है ज्यादातर भण्डारणकर्ता सत्ता पक्ष से जुड़े हुए हैं| यानी अधिकारी ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि सत्ता पक्ष के लोग रेत के अवैध खेल में लगे हैं|
बहरहाल, सवाल यह कि क्या खनिज अधिकारी RTI के तहत दी गई जानकारी में शासन के अहम पदों पर प्रतिष्ठित दो नेताओं के बारे में इस प्रकार के विचार प्रकट किये जाने चाहिए ? वैसे पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर का यह आरोप सही प्रतीत होता है कि खनिज विभाग के अधिकारी शासन की छवि को धूमिल कर रहे हैं|
deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा की रिपोर्ट