प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने चरण पखारे, 500 लोगों की हिन्दू धर्म में वापसी

महासमुंद के कटांगपाली गाँव में मंगलवार को आयोजित विश्व कल्याण महायज्ञ में लगभग 500 लोगों ने ईसाई से फिर हिन्दू धर्म में वापसी की।

0 410

- Advertisement -

बसना।  महासमुंद के कटांगपाली गाँव में मंगलवार को आयोजित विश्व कल्याण महायज्ञ में लगभग 500 लोगों ने ईसाई से फिर हिन्दू धर्म में वापसी की। महायज्ञ का आयोजन आर्य प्रतिनिधि समाज एवं नीलांचल सेवा समिति के संस्थापक सम्पत अग्रवाल के विशेष सहयोग से किया गया था। भाजपा  के प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने   इन लोगों के गंगाजल से चरण पखार कर मूल धर्म में वापसी करवाई।

इस दौरान जूदेव ने कहा कि जब तक धर्मांतरण के शिकार हुए हर व्यक्ति की सनातन धर्म में वापस नहीं होती है तब तक घर वापसी का अभियान लगातार चलता रहेगा। उन्होंने उपस्थित लोगों से हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण कराने वालों का विरोध करने की भी अपील की।

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से स्वामी देव नंद, आचार्य अंशुदेव आर्य, अखिल भारतीय धर्म जागरण समन्वयक के राष्ट्रीय सह प्रमुख  राजेन्द्र प्रसार, नंदकुमार साय, पंडित ऋषिराज आर्य, पंडित पंकज भारद्वाज, रामचन्द्र अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल, सोनू श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी मौजूद थे।

प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने  कहा,  छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में 10 हजार से अधिक लोगों की इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए घर वापसी करवा चुके हैं। कोरोना महामारी के कारण बीच में करीब दो साल हमारा यह अभियान रुक गया था। अब फिर से हम इसे गति दे रहे हैं।

- Advertisement -

गौरतलब है कि इससे पहले छत्तीसगढ़ के पत्थलगाँव के खूँटापानी में 400 परिवार के 1250 लोगों को हिंदू धर्म में वापसी की थी।

हिंदू धर्म में लौटने वाले परिवारों ने बताया था कि करीब 3 पीढ़ी पहले उनके पूर्वजों का धर्मांतरण हुआ था। उस वक्त वे बेहद गरीब थे और मिशनरियों की ओर से कुछ आर्थिक मदद और बीमारियों में इलाज की सहायता मिलने का प्रलोभन मिलने के बाद धर्म परिवर्तन कर लिया था।

बता दें कि प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के पिता दिलीप सिंह जूदेव अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री थे। राजपरिवार से जुड़े दिलीप सिंह जूदेव ने ही चरण पखारकर उन आदिवासियों की मूल धर्म में वापसी करवाने का अभियान शुरू किया था जो ईसाई मिशनरियों के झाँसे में आ धर्म परिवर्तन कर लेते थे। अगस्त 2013 में उनके निधन के बाद से इस सिलसिले को उनके बेटे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव आगे बढ़ा रहे हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.