महासमुंद: महुआ के कारण भालू के हमले बढ़े, दो दिनों में 5 जख्मी

महासमुंद जिले में गर्मी बढ़ने के साथ ही दाना-पानी के लिए खासकर महुआ के कारण भालू के हमले बढ़ते जा रहे हैं | दो दिनों में 4 जगहों पर हुए हमले में 5 ग्रामीण जख्मी हुए हैं |

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महासमुंद।महासमुंद जिले में गर्मी बढ़ने के साथ ही दाना-पानी के लिए खासकर महुआ के कारण भालू के हमले बढ़ते जा रहे हैं। दो दिनों में 4 जगहों पर हुए हमले में 5 ग्रामीण जख्मी हुए हैं।

महासमुंद जिले में गर्मी बढ़ने के साथ ही वन्य प्राणियों के हमले भी बढ़ते जा रहे हैं । शुक्रवार-शनिवार को जिले में चार स्थानों पर भालुओं के हमले में पांच ग्रामीण घायल हो गए। हमले का कारण भालुओं और ग्रामीणों के बीच महुआ बताया जाता है।

मिली जानकारी के अनुसार बागबाहरा वन परिक्षेत्र में शनिवार सुबह भालू के हमले से तेंदुकोना, भदरसी और बाम्हनसरा में पांच ग्रामीण घायल हो गये। इन्हें क्षेत्र के ग्रामीणों की सहायता से उपचार के लिए समीपस्थ स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां इनका प्राथमिक उपचार किया गया। इनकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है।

भदरसी निवासी कलानाथ पुत्र मेघनाथ गोंड़(72)सुबह साढ़े 5 बजे घर से खेत जाने निकला था। तभी पास के जंगल से एक भालू ने पीछे से हमला कर दिया।हमले से मेघ मेघनाथ घायल हो गया। मेघनाथ ने शोर मचाया तो घर के अन्य सदस्य लाठी डंडा लेकर निकले तब भालू जंगल की ओर भाग निकला।

महुआ खाने आया भालू ,ग्रामीणों का हुजूम देख पेड़ पर चढ़ा: देखें वीडियो

इसी तरह शनिवार सुबह पांच बजे बाम्हनसरा निवासी संतराम ध्रुव पुत्र गणेश राम महुआ बिनने निकले थे। इसी दौरान एक विशाल भालू ने अचानक उनपर हमला कर दिया। जिससे उनके दाहिने हाथ में चोट आई है।

एक अन्य घटना तेंदुकोना में हुई। जहां भालू के हमले से तीन लोग घायल हुए। तेंदुकोना निवासी हीरासिंह 40 पुत्र हरचंद पटेल शनिवार सुबह घर से घूमने निकले जिन पर भालू ने हमला कर घायल किया।

तेंदुकोना की ही फूलबाई 61 पत्नी लाहौर सिंह सुबह सवा पांच बजे महुआ बिन रही थी, तभी भालू ने हमला किया। भालू ने महुआ बीन रहे रघुवर सिंह 60 पुत्र गोतराम यादव पर भी हमला किया। बताया जाता है कि भालूओ के लगातार हमलों से किसी भी ग्रामीण को गम्भीर चोट नहीं आई है।

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 महुआ बना  वजह 
इस वर्ष क्षेत्र में महुआ की फसल बहुत अच्छी है।अलसुबह कोई 3 बजे से ग्रामीण अपने खेतो एवम अन्य सरकारी जमीन पर स्थित महुआ पेड़ के नीचे पहुच कर महुआ बीनने  का काम कर रहे है। इस वर्ष महुआ जितना अधिक गिर रहा है। महुआ का भाव भी उतना ही अधिक है लिहाजा अब मजदूर परिवारों के साथ किसान परिवार भी स्वयम महुआ एकत्र करने जंगल और खेत जा रहे है।यही समय भालुओं के भी महुआ खाने महुआ पेड़ के नीचे आते हैं । बस यही भालू और ग्रामीण एक दूसरे के आमने सामने हो रहे हैं ।जिससे अपने भोजन पर इंसानी कब्जा होते देख भालू  भी  ग्रामीणों पर हमला करने से चूक नहीं रहे है।लिहाजा मानव-भालू संघर्ष वर्तमान में अपने चरम पर पहुँचता  दिख रहा है।

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जब  पेड़ पर चढ़ गया भालू 
शुक्रवार को खुसरूपली के समीप एक भालू दिन भर जामुन पेड़ पर था।इसके बारे में ग्रामीण सूत्र बताते है कि उक्त भालू तेंदुकोना में 3 लोगों को घायल कर भगा था।ग्रामीणों की भीड़ से डर कर ही हमलावर भालू एक महुआ पेड़ पर चढ़ गया था।

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा

 

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