अवैध रेत उत्खनन: कार्रवाई की जद में पीएम आवास योजना के हितग्राही!

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लाक के कई जगहों पर रेत भरे ट्रॉलियों को मौके पर जाकर तहसीलदार, पटवारी और कोटवार जब्त कर रहे हैं. इन कार्यवाहियों में वास्तविक रेत माफियाओं पर कार्यवाही आवश्यक है परन्तु उक्त कार्यवाही का सीधा असर पीएम आवास योजना के हितग्राहियों एवम छोटे किसानों पर पड़ रहा है. छोटे किसान और हितग्राही अपने स्वयम के लिए रेत ढोने लगे हैं और वह रेत भी जब्त किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि यह कलेक्टर के आदेश के बाद किया जा रहा है.

0 1,166

- Advertisement -

पिथौरा| छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लाक के कई जगहों पर रेत भरे ट्रॉलियों को मौके पर जाकर तहसीलदार, पटवारी और कोटवार जब्त कर रहे हैं. इन कार्यवाहियों में वास्तविक रेत माफियाओं पर कार्यवाही आवश्यक है परन्तु उक्त कार्यवाही का सीधा असर पीएम आवास योजना के हितग्राहियों एवम छोटे किसानों पर पड़ रहा है. छोटे किसान और हितग्राही अपने स्वयम के लिए रेत ढोने लगे हैं और वह रेत भी जब्त किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि यह कलेक्टर के आदेश के बाद किया जा रहा है.

.बता दें लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए निःशुल्क रेत उपलब्ध कराई जाएगी. विधानसभा बजट सत्र के 11वें दिन 20 फरवरी 2024 मंगलवार को वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इसका ऐलान भी किया था. उन्होंने कहा था कि गांव में कोई भी व्यक्ति छोटे-मोटे काम के लिए रेत ले जा सकेगा. ग्राम पंचायत को प्रधानमंत्री आवास के लिए रेत निशुल्क दी जाएगी हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया था कि आवास बनाने वाले को कितने ट्रॉली रेत लाने की अनुमति होगी.इस फैसले से प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को सीधा लाभ पहुचने की सरकारी मंशा थी.

इसे भी पढ़ें :

छत्तीसगढ़: पीएम आवास हितग्राही लीज क्षेत्रों से छोटी गाड़ी में ले जा सकेंगे रेत

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनते ही कैबिनेट ने सबसे पहले पीएम आवास योजना के तहत 18 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी दी है. अब सरकार की इस महती योजना पर रेत ने अडंगा डाल दिया है.

इस संबंध में deshdigital ने पिथौरा एसडीएम ओमकारेश्वर सिंह से बात की. उन्होंने बताया कि कलेक्टर के आदेश और एसडीएम के निर्देश पर यह कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि अवैध रेत खनन और परिवहन की शिकायतों के बाद यह कार्रवाई की जा रही है. उनके मातहत अफसर और कर्मचारी मोके पर जाकर अवैध रेत कारोबारियों के खिलाफ यह कार्रवाई कर रहे हैं.

इस सवाल पर कि क्या पीएम आवास योजना के हितग्राहियों को भी पकड़ा जा रहा है. उन्होने बताया कि आवास हितग्राहियों को रोका नहीं जा रहा है. वे अपने मकान के लिए रेत ले जा सकते हैं. हितग्राही कितना रेत ले जा सकते हैं? इस पर कोई मापदंड तय नही होने की जानकारी दी.

जब उनसे पूछा गया कि क्या छोटा किसान या आवास हितग्राही अपना दस्तावेज दिखाकर ले जा सकता है. पकड़ा गया रेत क्या इस आधार पर छोड़ा जा सकता है? क्योंकि राजस्व अमले के सबसे जमीनी कर्मचारी पटवारी और कोटवार होते हैं. वे लोगों से सीधे जुड़े रहते हैं.

- Advertisement -

एसडीएम श्री सिंह का कहना था कि इससे इन कर्मचारियों पर रिश्वत और भ्रस्टाचार के आरोप लगने शुरू हो जायेंगे. क्योंकि ये दोनों कर्मचारी लोगों के सीधे निशाने पर होते हैं. वैसे उनका कहना था कि यह काम तो माइनिंग विभाग का है.

इसी बीच राजस्व विभाग की इन कार्रवाइयों के बीच अब रिश्वत लेकर छोड़ने के आरोप भी लगने लगे हैं. कल मंगलवार को सांकरा में रेत परिवहन करते 4 ट्रेक्टर ट्राली जब्त किये हैं.

नाम जाहिर न करने की शर्त पर सांकरा के एक हितग्राही का कहना था कि रेत भरी उसकी ट्राली को 18 हजार रूपये देने के बाद राजस्व अमले ने छोड़ दिया.

यहाँ यह बता देना भी जरूरी होगा कि अब सीमांत किसान भी ट्रेक्टर से खेती करने लगे हैं और अपनी खेती के बाद किराये में देते हैं. इनके ट्रेक्टर ट्राली को हितग्राही भाड़े में लेते हैं. जब्त होने की स्थिति में डरा हुआ किसान किसी तरह अपना ट्रेक्टर छुड़ाने में लग जाता है.

बगैर जानकारी रेत चोरी के पोस्ट ने प्रशासन को किया हलकान
पिथौरा-सांकरा, बसना अंचल के पत्रकार बिरादरी के कुछ जिम्मेदार पत्रकारों का कहना था कि सोशल मीडिया, न्यूज़ पोर्टल में बगैर सम्पूर्ण जानकारी के ही रेत कारोबारियों द्वारा अवैध रेत उत्खनन और परिवहन की खबरें जारी हैं जिससे प्रशासन पर दवाब बढ़ा है और यह कार्रवाई चल रही है, जिसमे गरीब परिवार भी पिसता नजर आ रहा है.

लिहाजा, अख़बारों में सरकार की घोषणा का जमीनी स्तर पर यह हाल होना, व्यवस्था पर सीधा सवाल करता है. पीएम आवास योजना के हितग्राहियों के लिए, जरुरतमन्द छोटे किसानों के लिए एक प्रक्रिया, मापदंड, क्यों तय नहीं किये जा सकते ? या फिर सरकार की यह घोषणा महज चुनावी थी? वास्तव में खनिज विभाग को व्यवसायिक रेत माफियाओं पर कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए जिससे आम ग्रामीणों को परेशानी न हो.

अवैध रेत उत्खनन पर सीएम सख्त

रेत की दर दुगुनी हुई
प्रधान मंत्री आवास बनाने वाले अधिकांश हितग्राहियों का मानना है कि प्रशासनिक कार्यवाही से रेत माफियाओं ने रेत की दर दुगुनी कर दी है. जिसका सीधा असर प्रधानमंत्री आवास हितग्राहियों को मिलने वाले बजट पर हो रहा है.

पिथौरा से रजिंदर खनूजा और टीम deshdigital

Leave A Reply

Your email address will not be published.