गुरूद्वारा श्री नानक सागर तीर्थस्थल गढ़फुलझर , महेंद्र छाबड़ा अध्यक्ष बने

नानक सागर में गुरुद्वारा निर्माण हेतु बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सर्वसम्मति से प्रदेश अल्पसंख्यक अयोग के अध्यक्ष महेंद्र सिंह छाबड़ा को सौंपी गई है।

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पिथौरा। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले की बसना तहसील के निकट ग्राम गढ़फुलझर के समीप नानक सागर में गुरुद्वारा निर्माण हेतु बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सर्वसम्मति से प्रदेश अल्पसंख्यक अयोग के अध्यक्ष महेंद्र सिंह छाबड़ा को सौंपी गई है।समिति में रायपुर सहित महासंमुन्द जिले की गुरुद्वारा कमेटी के पदाधिकारियों को शामिल किया गया है।

आज रायपुर में आयोजित एक सामाजिक बैठक में उक्त निर्णय लेते हुए बताया गया कि नानक सागर जहां सिक्खों के पहले गुरू श्री गुरूनानक देव जी अमरकंटक से जगन्नाथ पुरी तक की अपनी यात्रा के दौरान पहुंचे थे और 2 दिनों तक विश्राम किया था।

आज महासमुंद संभाग के सभी गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं सिक्ख समाज की बैठक सम्पन्न हुई जिसमें महेंद्र सिंह छाबड़ा, जो वर्तमान में अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष एवं सिक्ख समाज छत्तीसगढ़ के संयोजक भी हैं, को सर्वसम्मति से गुरूद्वारा श्री नानक सागर साहिब तीर्थस्थल निर्माण समिति के अध्यक्ष पद कि जिम्मेदारी सौंपी गई।

नानक सागर में  सिक्खों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी 517 बरस पहले जगन्नाथ पुरी से अमरकंटक जाते छत्तीसगढ़ के इस  गाँव में 2 दिन बिताये थे | यह गाँव महासमुन्द जिले के बसना ब्लाक  के गढ़फुलझर से लगा है |  वे जिस गाँव में रुके उस गाँव का नाम पड़ा नानकसागर| नानक सागर में जिस स्थान पर श्रीगुरुनानक देव जी रुके थे उसका नाम नानक डेरा रखा गया है| गाँव के मामले यहीं बैठकर सुलझाये जाते हैं | चौंकाने वाली बात यह है  कि नानक सागर में करीब  पांच एकड़ भूमि राजस्व रिकॉर्ड में श्री गुरुनानक देव जी के नाम से दर्ज है।

साथ ही कार्यकारी अध्यक्ष पद पर सुरेन्द्र सिंह छाबड़ा, एवं (सिक्ख समाज छत्तीसगढ़ के संयोजक) को बनाया गया है। महासचिव मनजीत सिंह सलूजा बसना, उपाध्यक्ष द्वय हरजिन्दर सिंह हरजू गढफुलझर, लालसिंह छाबड़ा बसना, सचिव महिपाल सिंह जटाल गढफुलझर, कुलवंत सिंह खनूजा पिथौरा, सहसचिव द्वय जसपाल सिंह जटाल गढफुलझर, रंजीत सिंह आहूजा सरायपाली, कोषाध्यक्ष तेजपाल टूटेजा बसना एवं मीडिया प्रभारी मनजीत सिंह छाबड़ा बसना को बनाया गया है।

कार्यकारिणी सदस्य में जगजीत सिंह माटा पिथौरा, त्रिलोक सिंह अजमानी पिथौरा, जसबीर सिंह गढ़फुलझर, गुरूबख्श सिंह सलूजा बसना, प्रीतपाल सिंह उपबेजा सराईपाली, जसबीर सिंह मक्कड़ महासमुंद, सुरजीत सिंह चावला महासमुंद, दिलीप सिंह सलूजा झलप, वरयाम सिंह सलूजा झलप, सुरजीत सिंह नारंग छिलपावन, रिंकु ओबेराय रायपुर, लखबीर सिंह छाबड़ा बागबाहरा, हरमीत सिंह बग्गा बागबाहरा, नवनीत सिंह सलूजा बागबाहरा, अमित सिंह आहूजा सराईपाली, जगपाल सिंह जटाल गढफुलझर, जितेन्द्र सिंह जटाल गढफुलझर, तरसेम सिंह जटाल गढफुलझर, अरविंद छाबड़ा बागबाहरा, रोमी सलूजा सराईपाली शामिल किये गए हैं |

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समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में प्रदेश की सभी गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटियों के साथ सिक्ख समाज छत्तीसगढ़ के पदाधिकारियों को भी शामिल किया है।

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नानक सागर:  517 बरस पहले जहाँ गुरुनानक देव रुके थे 2 दिन

बता दें नानक सागर में  सिक्खों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी 517 बरस पहले जगन्नाथ पुरी से अमरकंटक जाते छत्तीसगढ़ के इस  गाँव में 2 दिन बिताये थे | यह गाँव महासमुन्द जिले के बसना ब्लाक  के गढ़फुलझर से लगा है |  वे जिस गाँव में रुके उस गाँव का नाम पड़ा नानकसागर| नानक सागर में जिस स्थान पर श्रीगुरुनानक देव जी रुके थे उसका नाम नानक डेरा रखा गया है| गाँव के मामले यहीं बैठकर सुलझाये जाते हैं | चौंकाने वाली बात यह है  कि नानक सागर में करीब  पांच एकड़ भूमि राजस्व रिकॉर्ड में श्री गुरुनानक देव जी के नाम से दर्ज है।

अब इस स्थान की जानकारी सिक्ख समाज  को होते ही नानकसागर को धार्मिक पर्यटन क्षेत्र घोषित करने की मांग होने लगी है। सिक्खों के प्रथम गुरु के रुकने के इस ऐतिहासिक स्थान पर  गुरुद्वारा एवम स्कूल कॉलेज एवम अस्पताल खोलने हेतु सिक्ख समाज संकल्पित हुआ है।

नानक सागर तीर्थस्थल निर्माण समिति के अध्यक्ष महेन्द्र छाबड़ा ने कहा कि शीघ्र ही तीर्थस्थल निर्माण के लिये ड्राईंग डिजाइन तैयार कर पूरी कार्ययोजना बनाई जाएगी और शीघ्र ही पूरे प्रदेश के गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटियां सभी सामाजिक संगठनों की बैंठक रायपुर में आयोजित की जाएगी और चर्चाकर कार्ययोजना की शुरूवात की जायेगी।

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