गढ़फुलझर में श्री गुरुग्रन्थ साहिब का प्रथम प्रकाश उत्सव, देश भर से जुटे लोग

महासमुन्द जिले के बसना विकासखण्ड के ग्राम गढ़फुलझर में नए गुरुद्वारा निर्माण के बाद श्री गुरुग्रन्थ साहिब का प्रथम प्रकाश उत्सव मनाया गया. इसके लिए पिथौरा,बसना ,सराईपाली, महासमुन्द,रायपुर,दुर्ग एवम दिल्ली सहित प्रदेस के अनेक स्थानों के सिक्ख एवम जिले के बंजारा समाज के अनेक श्रद्धालुओ ने कार्यक्रम में भाग लिया.

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पिथौरा| महासमुन्द जिले के बसना विकासखण्ड के ग्राम गढ़फुलझर में नए गुरुद्वारा निर्माण के बाद श्री गुरुग्रन्थ साहिब का प्रथम प्रकाश उत्सव मनाया गया. इसके लिए पिथौरा,बसना ,सराईपाली, महासमुन्द,रायपुर,दुर्ग एवम दिल्ली सहित प्रदेस के अनेक स्थानों के सिक्ख एवम जिले के बंजारा समाज के अनेक श्रद्धालुओ ने कार्यक्रम में भाग लिया.

श्री गुरुग्रन्थ साहिब के प्रकाश उत्सव के अवसर पर जिले के प्रसिद्ध नानक सागर के समीप गढ़फुलझर ग्राम में सिक्खो द्वारा बनाये गए गुरुद्वारा में गुरुग्रन्थ साहिब का प्रकाश किया. इसके पूर्व शुक्रवार को रायपुर निवासी अवतार सिंह ओबेरॉय परिवार द्वारा श्री अखंड पाठ साहिब का पाठ आरम्भ करवाया था. जिसकी समाप्ति रविवार को श्री गुरुग्रन्थ साहिब के प्रकाश के साथ की गई.

दुर्ग के बल कीर्तन जत्थे ने समा बांधा

कार्यक्रम में दुर्ग से हम चाकर गोविंद के समिति से बाल कीर्तन जत्था विशेष तौर पर गढ़फुलझर पहुंचा था. इस जत्थे में 8 से 12 वर्ष के बालक बालिकाओं ने तबला हारमोनियम के सुरों के साथ कीर्तन कर उपस्थित संगत की खूब तारीफ बटोरी.

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बंजारा समाज ने भी कीर्तन किया

पूरे कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण यहां पहुचे बंजारा समाज के लोग रहे. ज्ञात हो कि श्री गुरुनानक देव जी को बंजारा समाज भी अपना इष्टदेव मानता है. चूंकि नानक सागर में गुरुनानक देव जी का आगमन सर्वविदित है लिहाजा बंजारों का भी यहां से काफी लगाव है. इसी लगाओ के चलते कोई सैकड़ा भर से अधिक बंजारों ने आज गुरुद्वारा गढ़फुलझर के प्रथम प्रकाश पर्व पर अपनी उपस्थिति दी. इस दौरान उन्होंने अपनी भाषा मे गुरुनानक देव जी का कीर्तन किया वही समाज की महिलाओं ने नृत्य के साथ शबद पढा. जिसे देख सुन कर सिक्ख समाज के लोग भी आश्चर्य में पड़े दिखे.

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 सब मिल कर गुरुद्वारा बनाएंगे–छाबड़ा 

छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र छाबड़ा का गढ़फुलझर गुरुद्वारा में नानक सागर में गुरुद्वारा निर्माण की नींव रखे जाने पर गुरुद्वारा कमेटी द्वारा सरोपा भेंट कर सम्मानित  किया गया. आने सम्मान एवम स्वागत से अभिभूत महेंद्र छाबड़ा ने उपस्थित सैकड़ो शिक्ख एवम बंजारा संगत को सम्बोधित करते हुए आभार व्यक्त किया. उन्होंने पर्यटन क्षेत्र बन चुके नानक सागर में भव्य गुरुद्वारा निर्माण का अपना संकल्प दोहराया. उन्होंने कहा कि जब गुरु घर का काम हाथ मे लिया है तो हम सब मिल कर एक शानदार गुरुद्वारा का निर्माण करवाएंगे.

इस अवसर पर व्यवस्था करने वाले गुरुद्वारा कमेटी के हरजिंदर सिंह हरजु,जरनैल सिंह,बलबीर सिंह,ललित सिंह,दलजीत कौर,रविंदर कौर,सरोज कौर,प्रीतम कौर,राजमित कौर एवम जगपाल सिंह के अलावा दिल्ली से देवेंद्र सिंह आनन्द,देवेंदर सिंह बिट्टू ,हरविंदर सिंह हरु(दुर्ग),सुखविंदर सिंह शेखू,एवम परमजीत सिंह टोनी, सहित रायपुर से अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र सिंह छाबड़ा,रिंकू ओबेरॉय,सहित बंजारा समाज के गुहाराम बंजारा,हेमलाल नायक,रामलाल नायक एवम कामेश बंजारा सहित सैकड़ों बंजारा समुदाय के सदस्य उपस्थित थे.

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दिव्य धाम नानक सागर के लिए शिवशंकर पटनायक सम्मानित

सिक्खो के प्रथम गुरु के नानक सागर आगमन के प्रमाण मिलने के बाद पिथौरा निवासी साहित्यकार एवम लेखक शिवशंकर पटनायक को सरोपा भेंट कर सम्मानित किया गया. श्री पटनायक को अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र सिंह छाबड़ा के करकमलों से सम्मानित किया गया. ज्ञात हो कि श्री पटनायक द्वारा लिखी गयी उपन्यास एवम पुस्तको में दिव्यधाम नानकसागर 38 वी पुस्तक है. इस सम्बंध में 80 वर्षीय श्री पटनायक ने बताया कि दिव्यधाम नानक सागर प्रकाशन में है यह साहित्य शीघ्र ही श्रद्धालु एवम जिज्ञासुओं के लिए उपलब्ध हो जाएगी.

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा 

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