देवपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों की आमद, दहशत

समीप के देवपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों की आमद ने ग्रामीणों में दहशत पैदा कर दी है | नेचर कैम्प में रविवार रात दो हाथियों ने दो बॉटल पाम के पेड़ उखाड़ फेंके | वहीँ रबी फसल रौंद कर किसानों को खासा नुकसान पहुँचाया है |

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पिथौरा| समीप के देवपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों की आमद ने ग्रामीणों में दहशत पैदा कर दी है | नेचर कैम्प में रविवार रात दो हाथियों ने दो बॉटल पाम के पेड़ उखाड़ फेंके | वहीँ रबी फसल रौंद कर किसानों को खासा नुकसान पहुँचाया है |

देवपुर के पर्यटन स्थल नेचर कैम्प में रविवार की रात दो हाथियों ने दो बॉटल पाम के पेड़ उखाड़ फेंके और पहले से ही विभागीय लापरवाही से सूख रहे हरे भरे पर्यटन स्थल को तहस नहस कर दिया।

ज्ञात हो कि शनिवार रात भी देवपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों ने रबी फसल रौंद कर किसानों को खासा नुकसान पहुँचाया था। ग्रामीणों के अनुसार क्षेत्र में हाथियों के आमद की कोई सूचना वन विभाग द्वारा नहीं  देने से ग्रामीणों को हमेशा जान का खतरा बना रहता है। ग्रामीण भारी दहशत में हैं।

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महासमुन्द के अलावा अब देवपुर वन परिक्षेत्र में इन दिनों हाथियों की चहल कदमी बढ़ गयी है। पानी की कमी से हाथी ग्रामीण क्षेत्रो में ग्रामो के आसपास पानी और भोजन की तलाश में भटकते रहते हैं  और दाना पानी नहीं  मिलने से नुकसान पहुँचाने  से भी नहीं चूक रहे। जिससे वर्तमान में किसान व ग्रामीण भारी दहशत में हैं। जंगली हाथियों  द्वारा लगातार किसानों की फसल को रौंदकर तहस-नहस कर रहे हैं। जिससे किसानों में विभाग के प्रति भारी नाराजगी व्याप्त है।

धमतरी जिले में 55 हाथियों का दो समूह

रायपुर संभाग के धमतरी जिले के  सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व व केरेगांव रेंज में 2 अलग-अलगसमूह  में करीब 55 हाथी विचरण कर रहे हैं |  इन हाथियों में से किसी भी हाथी में  रेडियो कॉलर लगा नहीं होने से वन विभाग के मैदानी अधिकारी-कर्मचारियों को परेशानी हो रही है। ग्रामीणों व टीम द्वारा जानकारी मिलने के बाद ही पता चल पाता है|  वन विभाग हाथियों के मल-मूत्र, पैर के निशान के आधार पर ही लोकेशन ढूंढ रहे हैं । बताया जा रहा है कि दोनों दल में करीब 8 से 10 शिशु हाथी भी शामिल हैं। कई हाथी बिछडकर इधर-उधर घूमते रहते हैं, जो लोगों के लिए जान के  खतरे का सबब बने हुए हैं|

वन विभाग  के अनुसार एक मई को सिकासेर हाथी दल से बिछड़ा एक हाथी   तुमबाहरा नगरी कच्ची रोड पारकर   कक्ष क्रमांक 349 बड़े भरी पहुंच गया है। एक हाथी तुमबाहरा, चारगांव, भैसमुडा, मटियाबाहरा, जबर्रा, खरका, कल्लेमेटा व बिलभदर क्षेत्र में है। वहीं शाम तक यह हाथी नगरी जबर्रा पक्की रोड पार कर दुगली रेंज सीमा लाइन पर आगे बढ़ गया ।  एक दंतैल हाथी उत्तर सिगपुर क्षेत्र के गांवों में घूम रहा हैं। चंदा हाथी दल भी इधर-उधर घूम रहे हैं, लेकिन लोकेशन स्पष्ट नहीं है।

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इधर ग्रामीणों सूत्र बताते है कि शनिवार की रात हाथियों के एक दल ने ग्राम गिद्धपुरी निवासी एक ग्रामीण की बाड़ी में लगे केले पेड़ को उखाड़ कर ,सब्जियों को भारी नुकसान पहुचाया हैं। कोसमसरा ग्राम के किसान परसराम दीवान पिता झगरू दीवान, ठंडा राम दीवान पिता सधरूं दीवान दोनों ग्रामीणों के खेत में लगी धान की फसल को हाथियों ने बुरी तरह रौंद डाला। यह फसल पकने के कगार पर थी। करीब 4 एकड़ धान के फसल पूरी तरह  तहस-नहस हो गयी है। हाथियों की भूख ने इसे बर्बाद कर दिया।

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ग्रामीणों में आक्रोश

वन विभाग की अनदेखी से क्षेत्र के किसानों में  भारी आक्रोश है। इस सम्बंध में चर्चा करने पर ग्रामीणों ने बताया कि इस महत्वपूर्ण वन परिक्षेत्र में विगत दो वर्षों से एक डिप्टी रेंजर को ही प्रभार में रखा गया है।जबकि यहाँ किसी योग्य रेंजर को रखा जाना चाहिए था। अब ग्रामीण उक्त प्रभारी रेंजर को शासन द्वारा नहीं  हटाने पर सरकार को ही हटाने की बात करने लगे हैं।

दूसरी ओर  वन विभाग ने हाथी  द्वारा नुकसान धान की फसल मुआवजा देने हेतु आवेदन देने को कहा है। अब  साथ ही किसानों एवम ग्रामीणों को शाम से रात को जंगल की ओर जाने से मना कर मुनादी कराया गया है।  सभी किसानों -ग्रामीणों को सचेत रहने को कहा गया है|

deshdigital के लिए रिपोर्ट रजिंदर खनूजा

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