हाथी की करंट से मौत के बाद सात गांवों में रात 8 बजे से बिजली लापता

कसडोल उपमंडल के परिक्षेत्र देवपुर के ग्राम पकरीद में विगत 1 सप्ताह पहले हाथी की शिकारी करंट से मौत के बाद इसका खामियाजा 7 वन ग्रामों को भुगतना पड़ रहा है. वे अँधेरे में रहने को मजबूर हैं. रात 8 बजे से बिजली आपूर्ति बंद कर दी जा रही है.

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पिथौरा| कसडोल उपमंडल के परिक्षेत्र देवपुर के ग्राम पकरीद में विगत 1 सप्ताह पहले हाथी की शिकारी करंट से मौत के बाद इसका खामियाजा 7 वन ग्रामों को भुगतना पड़ रहा है. वे अँधेरे में रहने को मजबूर हैं. रात 8 बजे से बिजली आपूर्ति बंद कर दी जा रही है.

कसडोल उपमंडल के परिक्षेत्र देवपुर के ग्राम पकरीद में विगत 1 सप्ताह पहले विद्युत करंट से हाथी की मौत के बाद से क्षेत्र में रात भर बिजली बंद कर वन्य प्राणियों की सुरक्षा करन्तयुक्त फंदे से की जा रही है. इस अजीब सुरक्षा नुस्खे से ग्रामीण परेशान हो रहे है.
वन विभाग वन्य प्राणियों की शिकारियों से सुरक्षा कर पाने में पूरी तरह विफ़ल हो चुका है.

वन्य प्राणियों की सुरक्षा का दायित्व मूलतः वन विभाग का ही है परन्तु वन विभाग इसके लिए विद्युत विभाग को मानते हुए पूरे क्षेत्र की बिजली रात में कटवाई जा रही है. जिससे रात में खेतों की चौकीदारी करने वाले किसानों एवम परीक्षा की तैयारी में जुटे इस क्षेत्र के बच्चों के सामने आफत का पहाड़ खड़ा हो गया है.

ज्ञात हो कि हाथी की मौत के बाद देवपुर वन परिक्षेत्र के सात वन ग्रामों के वनवासियों पर आफत बन आई है इन सात ग्रामों को रात 8:00 बजे के बाद बया सभी स्टेशन से बिजली सप्लाई बंद कर दी जा रही है. जिससे सात वन ग्राम के ग्रामीण अधेरे में रहने मजबूर है.

युवक के बाद अब शिकारी करंट से हाथी की मौत !

ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार देवपुर परी क्षेत्र के ग्राम पकरीद में विगत 1 सप्ताह पहले विद्युत करेंट की चपेट में आने से एक हाथी की मौत हो गई थी. हाथी की मौत के बाद से ही विगत 2 दिनों से देवपुर परीक्षेत्र के वन ग्राम में मेट कुला, गीदपुरी, पकरीद, कोशमशरा, देवपुर ,धमनपुरा, तेंदूचौहा के ग्रामों की बिजली शुक्रवार से ही रात 8:00 बजते ही काट दी जा रही है.

 अंधेरे का फायदा हाथी उठा रहे 
क्षेत्र में बिजली बंद होते ही हाथी गांव गांव में घूम रहे हैं और किसानों के खेत में खड़ी फसल ब कोठार में रखे हुए धान की खरही को नुकसान पहुंचा रहे हैं. सोमवार रात पकरीद के किसान गोपाल दीवान के कोठार में रखा 1 एकड़ धान की खरही को 8/10 हाथियों का दल पूरे धान को खा गया ग्रामीण किसानों द्वारा वन विभाग को सूचना दी गई मगर वन विभाग के कोई भी अधिकारी झांकने तक नहीं आया और फोन पर मुआवजा देने की बात कही. किसानों का कहना है कि बिजली बंद होने से क्षेत्र में हाथी और ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं.

 रोशनी में हाथी नहीं आते
अभी क्षेत्र में आधा ही धान की कटाई का काम हुआ है जहां खेत में धान है वहां पर धान को बचाने के लिए किसान रात को बल्ब के सहारे रोशनी करते हैं जिसके कारण हाथी सहित अन्य वन्य प्राणी खेतों की ओर नहीं आते जिनसे उनकी धान की फसल बची रहती है. वन विभाग की उक्त फरमान से वन ग्रामों के किसानों में वन विभाग के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त है . किसानो का कहना है वन विभाग को किसानो से कोई मतलब ही नहीं की हाथी कहा निकल रहा है और किन किन किसानो की फसल नुकसान कर रहा है.
अगर किसी किसान का फसल हाथियों द्वारा नुकसान किया जाता है तो उन किसान को ए कड़ मे लगभग कितना मुआवजा दिया जाता है. ज्यादा मे 1500 या 2000 वह  भी पैसा मिलने का कोई गरंटी नहीं होती.
बहरहाल अपनी  पहुंच के कारण देवपुर में जमे वन अफसर कुछ शिकारियों को शिकार से रोकने की बजाय शिकार होने की सूचना देने वाले ग्रामीणों को परेशान कर बिजली बंद करने जैसी अलोकतांत्रिक व्यवस्था दे कर ग्रामीणों को परेशान करने जुटे है.

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा 

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