छत्तीसगढ़ की फिल्मसिटी बनेगी महासमुंद के बिरबीरा में
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार महासमुंद जिले के ग्राम बिरबिरा में जल्द फिल्म सिटी बनाने जा रही है. इसके लिए आज संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने महासमुंद विकासखण्ड के बिरबिरा में फिल्म सिटी के लिए स्थल का निरीक्षण किया.
महासमुंद| छत्तीसगढ़ राज्य सरकार महासमुंद जिले के ग्राम बिरबिरा में जल्द फिल्म सिटी बनाने जा रही है. छत्तीसगढ़ फिल्म सिटी बनने के बाद प्रदेश में फिल्म उद्योग से जुड़े हजारों कलाकारों, टेक्निशियनों और निर्माता-निर्देशकों सहित स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिल रहा है. राज्य सरकार फिल्म को बढ़ावा देने के लिए अब महासमुंद जिले में फिल्म सिटी बनाने का प्रयास कर रही है. इसके लिए आज संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने महासमुंद विकासखण्ड के बिरबिरा में फिल्म सिटी के लिए स्थल का निरीक्षण किया.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में नई फिल्म नीति 2021 तैयार की गई है. संस्कृति मंत्री श्री भगत ने आज महासमुंद विकासखण्ड के ग्राम बिरबिरा पहुंचकर प्रस्तावित फिल्म सिटी स्थल का निरीक्षण किया. संस्कृति मंत्री ने निरीक्षण के दौरान कहा कि यहां फिल्म सिटी बनाने के लिए उपयुक्त स्थल है. फिल्म सिटी के माध्यम से संस्कृति एवं पर्यटन को राष्ट्रीय स्तर पर अलग से पहचान मिलेगा। फिल्म सिटी बनने से आस-पास के पर्यटन स्थलों पर भी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी. साथ ही स्थानीय युवाओं को अधिक-से-अधिक रोजगार का अवसर मिलेगा.
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में ऐसे अनेक मनोरम स्थान हैं, जो फिल्मों के शूटिंग के लिए बेहतर हैं. फिल्म नीति के साथ ही राज्य सरकार की नीतियों से अब ऐसा वातावरण तैयार हुआ है, जिससे अन्य प्रदेशों के फिल्मकारों की रुचि भी छत्तीसगढ़ को लेकर बढ़ी है.
कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर ने बताया कि यहां राजस्व की लगभग 327 एकड़ जमीन चिन्हांकित किए जा रहे है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग से बिरबिरा लगभग 4-5 किलोमीटर, नवा रायपुर से लगभग 50 किलोमीटर, ऐतिहासिक पर्यटन स्थल सिरपुर, कोडार जलाशय, बारनवापारा सहित अन्य पर्यटन स्थल भी समीप है.
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संस्कृति मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा फिल्म सिटी बनाने का मकसद छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माण को बढ़ावा देना, फिल्म शूटिंग के लिए छत्तीसगढ़ को सेंट्रल हब के रूप में डेवलप करना, विनिर्माण क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करना है. साथ ही फिल्म के क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा भी मिलेगा. यहां के कलाकारों द्वारा दर्शकों के मनोरंजन के साथ फिल्मों के माध्यम से अपनी संस्कृति को लेकर गौरव की अनुभूति की अपेक्षा होती है. वहीं, दूसरी ओर प्रदेश की कला, संस्कृति और फिल्म को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है.
फिल्म नीति के तहत फीचर फिल्म, वेब सीरीज, टीवी सीरियल्स और रियाल्टी शो तथा डाक्यूमेंट्री फिल्म के निर्माण, फिल्मांकन के लिये सुविधा व प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों का सफर 1965 में ‘‘कहि देबे संदेश’’ और ‘‘घर-द्वार’’ से शुरू हुआ है.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार श्री गौरव द्विवेदी, राज्य पशु कल्याण बोर्ड छत्तीसगढ़ सरकार के उपाध्यक्ष श्री आलोक चन्द्राकर, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के सदस्य श्री मोहित ध्रुव सहित जनप्रतिनिधिगण, संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी गण उपस्थित थे.