छत्तीसगढ़: महिला सरपंच ने खुद के खर्च पर खोला आंगनबाड़ी केंद्र
छत्तीसगढ़ के पिथौरा तहसील के समीप कसडोल विकास खण्ड के वन ग्राम पंचायत मूरूमडीह में नवनिर्वाचित महिला सरपंच ने खुद के खर्च पर आंगनबाड़ी केंद्र खोला दिया | लंबे समय से क्षेत्र के ग्रामीण मुख्यमंत्री, क्षेत्रीय विधायक, सांसद सहित अफसरों से आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की मांग करते करते थक गए थे।
पिथौरा| छत्तीसगढ़ के पिथौरा तहसील के समीप कसडोल विकास खण्ड के वन ग्राम पंचायत मूरूमडीह में नवनिर्वाचित महिला सरपंच ने खुद के खर्च पर आंगनबाड़ी केंद्र खोल दिया | लंबे समय से क्षेत्र के ग्रामीण मुख्यमंत्री, क्षेत्रीय विधायक, सांसद सहित अफसरों से आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की मांग करते करते थक गए थे।
यह तस्वीर सरकारी योजनाओं के अमल को आइना दिखाती है | किसी जनप्रतिनिधि में काम करने का जज्बा हो तो उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं होता।
कसडोल विकास खण्ड के दूरस्थ एवम पिथौरा के नजदीकी ग्राम पंचायत मूरूमडीह के उप चुनाव में अभी अभी सरपंच बनी विसनी यादव ने अपने स्वयम के खर्च से अस्थाई रूप से आंगनबाड़ी केंद्र प्रारम्भ कर दिया। जिसके उद्घाटन भी फिता काटकर किया गया एवं समस्त आने वाले खर्च को सरपंच ने वहन करने का निर्णय लिया ।
इस अवसर पर गांव के प्रमुख ग्रामीण उपस्थित थे। ग्राम मोहन्दा के दिनेश ठाकुर ने बताया कि सरपंच पदभार ग्रहण करते ही विसनी यादव ने देखा कि ग्राम के बालक बालिकाएं ग्राम पंचायत मूरूमडीह में आंगनबाड़ी केंद्र नहीं होने के कारण ग्राम के छोटे बच्चों का भविष्य अधर में है। इसके बाद उन्होंने ग्राम की कुछ शिक्षित महिलाओं से चर्चा कर एक योजना बनाई और उस यर अमल करते हुए अपने ही व्यय से ग्राम में एक आंगनबाड़ी केंद्र खोल दिया। अब ग्राम के नन्हे इस आंगनबाड़ी में शिक्षा ग्रहण करेंगे।
जनप्रतिनिधि –अफसर, किसी ने नहीं सुनी गुहार
बच्चों की शिक्षा स्वास्थ्य को लेकर प्रदेश एवम केंद्र सरकार की दर्जनों योजनाओं के क्रियान्वयन के बीच उक्त ग्राम में बच्चों को आगे बढ़ाने, संस्कार देने एवम प्राथमिक शिक्षा के लिए आंगनबाड़ी खोलने के लिये विगत 20 वर्ष से अधिक समय से ग्रामीण क्षेत्रीय विधायको से लेकर प्रदेश की सरकारों एवम विभागीय अफसरों तक गुहार लगा चुके हैं । परन्तु किसी ने भी ग्रामीणों की इस जरूरत पर अमल करना मुनासिब नहीं समझा लिहाजा आज भी उक्त ग्राम जस का तस बना हुआ था।
अब एक शिक्षित सरपंच के चुने जाते ही महिला सरपंच ने अपने खर्च से ही आंगन बाड़ी केंद्र खोल कर शासन प्रशासन को आइना दिखाया है ।सरपंच के इस कदम की पूरे क्षेत्र में तारीफ की जा रही है।
25 बच्चे आ रहे आंगनबाड़ी केंद्र
सरपंच द्वारा स्वयम के खर्च पर प्रारम्भ किये गए आंगन बाड़ी केंद्र में पहले दिन से ही 25 बच्चों ने प्रवेश लिया है। महिला सरपंच का कहना है कि वे तब तक अपने निजी खर्च से आंगनबाड़ी केंद्र संचालित करती रहेंगी ज़ब तक शासन ग्राम के बच्चों के हित में एक आंगनबाड़ी केंद्र खोल ना दे।
deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा की रिपोर्ट