chhattisgarh : 12 हजार बसों के पहिये थमे

chhattisgarh में निजी यात्री बस संचालक  किराया में  बढ़ोतरी  की मांग को लेकर आज मंगलवार से बेमुद्दत हड़ताल पर चले गये हैं। इससे राज्य के 12 हजार बसों के पहिये थम गये हैं| इधर बसों की हड़ताल के कारण राज्य के प्रमुख शहरों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव समेत अन्य शहरों में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है|

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रायपुर। chhattisgarh में निजी यात्री बस संचालक  किराया में  बढ़ोतरी  की मांग को लेकर आज मंगलवार से बेमुद्दत हड़ताल पर चले गये हैं। इससे राज्य के 12 हजार बसों के पहिये थम गये हैं| इधर बसों की हड़ताल के कारण राज्य के प्रमुख शहरों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव समेत अन्य शहरों में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है|
 बूढ़ा तालाब के सामने  धरना के दौरान पत्रकारों को  छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सैय्यद अनवर अली ने बताया  कि छत्तीसगढ़ के बस संचालक डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण बस संचालन में भारी दिक्कतें हैं। डीजल के मूल्य में लगभग 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है, जिसके कारण आय से ज्यादा खर्च हो रही है

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। बस संचालक पिछले साल मार्च में कोरोना के प्रकोप के बाद से अलग-अलग समय पर लगाए गए लॉकडाउन का खामियाजा भुगत रहे थे और अब डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी ने उनकी चिंता बढ़ा दी है।
महासंघ की मांग उस नियम को रद्द करने की मांग की है जिसमें कहा गया है कि केवल दो महीने तक उपयोग में नहीं आने वाले वाहनों के कर के भुगतान में छूट दी जाएगी।
वर्ष  2009 में राज्य में भाजपा सरकार के दौरान बनाए गए नियम के अनुसार वाहन संचालकों को उन वाहनों का भी कर देना होता है जो दो महीने से अधिक समय तक उपयोग में नहीं हैं। जब तक मांग पूरी नहीं होगी बसों की हड़ताल जारी रहेगी।

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