बार नयापारा अभ्यारण्य: जंगल में छोड़े गये काले हिरण, शिकार की आशंका !
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध बार नयापारा अभ्यारण्य मुख्यालय के समीप रखे गए काले हिरण अब जंगल मे छोड़े जा रहे है।अब तक 11 हिरण छोड़े जा चुके है। वन अधिकारियों के अनुसार काले हिरणों की जंगल मे गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।पर्यटकों द्वारा भी अब जंगल मे इन्हें देखा जा रहा है।
पिथौरा| छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध बार नयापारा अभ्यारण्य मुख्यालय के समीप रखे गए काले हिरण अब जंगल मे छोड़े जा रहे है।अब तक 11 हिरण छोड़े जा चुके है। इसके साथ ही इनके शिकार की आशंका भी बढ़ गई है | हालाकि वन अधिकारियों के अनुसार काले हिरणों की जंगल मे गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। पर्यटकों द्वारा भी अब जंगल मे इन्हें देखा जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार विगत पांच वर्ष पूर्व राजस्थान एवम मध्यप्रदेश से कोई 70 काले हिरण बार नयापारा लाकर एक बाड़े में रख कर उन्हें मौसम के अनुकूल ढाला जा रहा था।अब धीरे धीरे इन हिरणों की संख्या बढ़ रही थी. जिससे अब विभाग द्वारा किस्तों में काले हिरणों को जंगल मे छोड़ा जा रहा है।
रेंजर बार द्वारा इस सम्बंध में बताया गया कि काले हिरणों की बाड़े में लगातार बढ़ती संख्या के कारण उन्हें जंगल मे छोड़ने की योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए एक समिति का गठन किया गया था।
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समिति की रिपोर्ट के बाद विगत 20 फरवरी को कुल 11 काले हिरण बाड़े से जंगल मे छोड़ दिये गए।अब ये हिरन यहां के वातावरण में ढल चुके है ।अब ये लगातार संख्या बढ़ाने में भी सक्षम है।लिहाजा कमेटी की रिपोर्ट के बाद हिरणों को छोड़ने का निर्णय लिया गया।
देवपुर क्षेत्र में शिकार का खतरा
काले हिरणों के देबपुर वन परिक्षेत्र पहुचने से उनके शिकार की संभावना भी बढ़ गयी है। ज्ञात हो कि देवपुर वन परिक्षेत्र में विगत दो वर्षों से एक डिप्टी रेंजर को रेंजर के प्रभार में है | इसके बाद से शिकार की घटनाओं में लगातार इजाफा देखा जा रहा है | शिकारियों के लिए शिकार करने का खुला क्षेत्र बन गया है।इसकी पुष्टि उस घटना से होती है जिसमें विगत दिनों विद्युत करंट से शिकार की घटना को अंजाम देते एक युवक की मौत हो गयी थी। जिस पर सांकरा पुलिस ने कार्यवाही करते हुए छह लोगों को गिरफ्तार भी किया था।
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शिकार करने वालो को जेल
काले हिरणों की सुरक्षा के प्रति वन विभाग सतर्क है।लगातार जंगल मे विचरण करते हिरण अन्य परिक्षेत्र में चले गए है जिससे बार का वन अमल काले हिरणों से दूर होता जा रहा है।
deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा