बारनवापारा अभयारण्य से जड़ी-बूटी का खुलेआम दोहन !

बारनवापारा अभयारण्य क्षेत्र से बाहरी लोगो द्वारा जंगल की दुर्लभ जड़ी-बूटी का खुलेआम दोहन कर शहरों में बिक्री करने का आरोप कसडोल आदिवास समाज के अध्यक्ष संतोष कुमार ठाकुर ने लगाया है. श्री ठाकुर ने बताया कि विगत सप्ताह भर से क्षेत्र में बाहर से  दर्जनों लोग दुपहिया से अभ्यारण्य में प्रवेश करते है और दुर्लभ जड़ी बूटी का संग्रहण कर ले जाते हैं.

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पिथौरा| बारनवापारा अभयारण्य क्षेत्र से बाहरी लोगो द्वारा जंगल की दुर्लभ जड़ी-बूटी का खुलेआम दोहन कर शहरों में बिक्री करने का आरोप कसडोल आदिवास समाज के अध्यक्ष संतोष कुमार ठाकुर ने लगाया है. श्री ठाकुर ने बताया कि विगत सप्ताह भर से क्षेत्र में बाहर से  दर्जनों लोग दुपहिया से अभ्यारण्य में प्रवेश करते है और दुर्लभ जड़ी बूटी का संग्रहण कर ले जाते हैं.

 वन ग्राम निवासी संतोष कुमार ठाकुर ने बताया कि इन दिनों जंगल मे वन विभाग द्वारा लगाई जाने वाली गोंदला जड़ी के संग्रहण के लिए अनेक बाहरी लोग दर्जनों की संख्या में जंगल प्रवेश करते है और कुल्हाड़ी और धारदार हथियार से लैस रहते है. ये सब पिथौरा, झलप,पटेवा के आसपास के लोग गोंदला जड़ी और लकड़ी के लिए बेखौफ बारनवापारा के जंगलों में घुसकर संग्रहण कर रहे हैं, और शाम के समय इन सभी को बेरियर में देखा जा सकता है.

 

शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं 

श्री ठाकुर के अनुसार इसकी शिकायत वे लगातार वन विभाग के स्थानीय एवम उच्च अधिकारियों से व्हाट्सएप्प के माध्यम से कर रहे है इसके बावजूद याब तक विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई है.

 गोंदला जड़ी से बनती है अगरबत्ती,खुशबू

जनकारो के अनुसार बार जंगल मे पाई जाने वाली गोंदला जड़ी व्यवसायिक रूप से काफी कीमती है. इसी जड़ी से अगरबत्ती बनाने का कच्चा मटेरियल तैयार किया जाता है और इसकी खुशबू भी अगरबत्तियों में उपयोग की जाती है.

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वनवासी चाहते है अगरबत्ती बनाने की छूट

गोंदला जड़ी बाहर के लोग बेख़ौफ़ होकर तोड़ ले जाते है इसलिए वन विभाग इससे अगरबत्ती बना कर बेचने का अधिकार वन समिति को दे जिससे इससे होने वाले लाभ से वनो की और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा 

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