कोर्ट ने बलात्कारी को क्यूँ नहीं दी सजा ए मौत
6 बरस की बच्ची से बलात्कार के दोषी को फॉस्ट ट्रैक कोर्ट ने सजा ए मौत के बदले मौत तक उम्रकैद की सजा सुनाई | कोर्ट का कहना था वह जीवन भर अपने कुकर्मों को सोच-सोच कर घुटन में मानसिक रूप से मृत्यु को प्राप्त करता रहेगा|
भिलाई | 6 बरस की बच्ची से बलात्कार के दोषी को फॉस्ट ट्रैक कोर्ट ने सजा ए मौत के बदले मौत तक उम्रकैद की सजा सुनाई | कोर्ट का कहना था वह जीवन भर अपने कुकर्मों को सोच-सोच कर घुटन में मानसिक रूप से मृत्यु को प्राप्त करता रहेगा|
बुधवार को फॉस्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अविनाश के. त्रिपाठी की कोर्ट ने 6 साल की बच्ची से बलात्कार मामले में दोषी रजत भट्टाचार्य को बजाय सजा ए मौत के बदले उम्रकैद की सजा की सजा सुनाई ।
कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि यदि इस प्रकरण की सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और उभयपक्षों के तकों का गहराई से मनन करने के बाद आरोपी को मृत्युदंड न देकर शेष जीवन के लिए आजीवन कारावास से एवं अर्थदंड से दंडित किया जाता है।
अगर आरोपी को सजा ए मौत दी जाती है, तो वह अपने कुकर्मों का प्रायश्चित नहीं कर पाएगा। अपने मानव जीवन से मुक्ति पा जाएगा। वह इस मानव योनी से मुक्त भी हो जाएगा।
लेकिन यदि आरोपी को शेष प्राकृतकाल के लिए आजीवन कारावास का दंड दिया जाता है तो वह अपने कुकर्मों को जीवनभर सोच-सोच कर घुटन में मानसिक रूप से मृत्यु को प्राप्त करता रहेगा।