रायपुर| बालोद के आस-पास के गांव में भूखे-प्यासे अपने बच्चे के साथ भटक रही झारखण्ड की महिला को सखी वन स्टॉप सेंटर ने सहारा दिया। महिला के निवास स्थान का सही पता मालूम होने तक महिला और उसके बच्चे के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें पुनर्वास हेतु नारी निकेतन रायपुर भेजा गया है।
प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर संकट में पड़ी महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। बालोद के आस-पास के गांव में भूखे-प्यासे अपने बच्चे के साथ भटक रही महिला को सखी वन स्टॉप सेंटर ने रेस्क्यू कर सहारा दिया है।
जिला मुख्यालय बालोद में संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर के केन्द्र प्रभारी ने बताया कि सखी सेंटर में विगत 29 जनवरी को फोन के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि एक महिला और बच्चा बालोद से लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर दल्लीराजहरा मार्ग में दैहान मोड़ के पास भटक रहे हैं।
सूचना मिलते ही तत्काल सखी टीम द्वारा बालोद थाने में सूचना दी गई। सखी और बालोद थाने की टीम द्वारा महिला एवं बच्चे को रेस्क्यू कर लाया गया। इसके बाद मां और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया जिसमें दोनो स्वस्थ पाए गए।
स्वास्थ्य जांच उपरांत महिला एवं बच्चे को सखी सेंटर में आश्रय दिया गया। कई दिनों से आसपास के गांव में भूखे-प्यासे भटकने के कारण महिला कुछ बोलने की स्थिति में नहीं थी।
सखी सेंटर में आने के पश्चात् दोनांे को रहने-खाने सहित सरकार द्वारा निर्धारित सभी सुविधा मुहैया कराई गई। सखी सेंटर में दूसरे दिन महिला की काउंसलिंग की गई परन्तु महिला कुछ बात नहीं कर रही थी। महिला सिर्फ स्टॉफ की भाषा समझती थी लेकिन कोई जवाब नहीं देती थी।
महिला धीरे-धीरे स्टॉफ से घुली-मिली तब कुछ-कुछ बोलना शुरू की। महिला ने बताया कि वह लगभग दो माह से भटक रही थी और भीख मांगकर खाना खा रही थी।
महिला ने अपना नाम नीमन पति मनुहर कण्डुल और पता झारखण्ड का बताया।
केन्द्र प्रभारी ने बताया कि सखी सेंटर में महिलाओं को सीमित अवधि तक ही रखे जाने का प्रावधान है। महिला के झारखण्ड स्थित निवास स्थान का पता मालूम किया जा रहा है। महिला के निवास स्थान का सही पता मालूम होने तक महिला और उसके बच्चे के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें पुनर्वास हेतु नारी निकेतन रायपुर भेजा गया है।