नक्सल कमांडर हिड़मा दंडकारण्य के गोरिल्ला बेसों में : DKSZC

नक्सल कमांडर हिड़मा माड़वी ने  तेलंगाना में समर्पण नहीं किया है | पुलिस समर्पण की झूठी कहानी प्रचारित कर मनोवैज्ञानिक दबाव डालना चाह रही है | कमांडर  हिड़मा दंडकारण्य के गोरिल्ला बेसों में  अपने कामकाज में लगे हुए हैं| यह दावा DKSZC (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी) के प्रवक्ता विकल्प ने प्रेस नोट जारी कर किया है |

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जगदलपुर/ रायपुर |  नक्सल कमांडर हिड़मा माड़वी ने  तेलंगाना में समर्पण नहीं किया है | पुलिस समर्पण की झूठी कहानी प्रचारित कर मनोवैज्ञानिक दबाव डालना चाह रही है | कमांडर  हिड़मा दंडकारण्य के गोरिल्ला बेसों में  अपने कामकाज में लगे हुए हैं|
यह दावा DKSZC (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी) के प्रवक्ता विकल्प ने प्रेस नोट जारी कर किया है |

बता दें छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के तर्रेम निवासी हिड़मा के सर पर पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने 50 लाख का इनाम रखा है|  पिछले साल 3 अप्रैल 20 21 को हिडमा के  गाँव में हुए नक्सल हमले में  24 जवान  शहीद हो गये थे | इनमें  सीआरपीएफ कोबरा बटालियन,  जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और  स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के जवान थे | यह  नक्सली हमला  वर्ष 20 21  का सबसे बड़ा हमला बनकर सामने आया था | हिड़मा  ने ही इस हमले की साजिश रची थी | तर्रेम हिड़मा का गाँव है जहाँ सुरक्षा बल पहली बार इस नक्सल गढ़ में उतरे थे |

बीजापुर नक्सली हमला, इस साल अब तक का सबसे बड़ा हमला

हाल ही में छत्तीसगढ़ के इस दुर्दांत नक्सल कमांडर हिड़मा माड़वी  के तेलंगाना में  समर्पण की  खबर के बाद अब नक्सलियों  ने  इसका खंडन किया है ।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तेलंगाना में जनमिलिशिया सदस्य  25 वर्षीय माड़वी हिड़मा ने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वाला हिड़मा एक सामान्य नक्सली है|

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3 फरवरी को जारी  प्रेस नोट में DKSZC दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने  कहा है कि  तेलंगाना एवं छत्तीसगढ़ के पुलिस प्रशासन द्वारा विगत दो दिनों से हमारे बटालियन कमांडर कॉमरेड हिडमा के आत्मसमर्पण के झूठे कुत्सित प्रचार की भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी घोर निंदा करती है|

केंद्र, तेलंगाना एवं छत्तीसगढ़ की जनविरोधी राज्य सरकारों द्वारा क्रांतिकारी आदोलन के खिलाफ जारी प्रतिकांतिकारी रणनीतिक दमन योजना समाधान के तहत एक ओर प्रहार हमलों को तेज करते हुए दूसरी और मनोवैज्ञानिक युद्ध के तहत असत्य, अर्धसत्यो सफेद झूठों के साथ एवं वास्तविकताओं को तोड़-मरोड़कर पार्टी के खिलाफ झूठा व वि प्रचार बढ़ा-चढ़ाकर किया जा रहा है| इसी का हिस्सा है|

किसी माडवी हिड़मा को पकड़कर शीर्ष व कट्टर माओवादी 25 लाख के इनामी हिड़मा के तेलंगाना पुलिस एवं सीआरपीएफ के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण की कहानी गढ़ना हो सकता है| ऐसा कुछ घटा ही न हो और यह पूरी तरह पुलिस की मनगढ़त कहानी मात्र हो|

पढ़ें :नक्सल कमांडर हिड़मा ने रची बीजापुर हमले की साजिश

जारी  प्रेस नोट में कहा गया है , हमारे कैडर व क्रांतिकारी जनता ऐसे झूठे प्रचार की जद में नहीं आते हैं, लेकिन संघर्षरत इलाकों से दूर रहने वाली उत्पीडित जनता और जनपक्षघर बुद्धिजीवियों, पार्टी समर्थकों मददों को भटकाने भ्रम में डालने की कुचेष्टा के तहत ऐसा झूठा प्रचार किया जा रहा है परंतु झूठे प्रचार के सहारे सच्चाई पर हमेशा के लिए परदा नहीं ढाला जा सकता है|  हमारे बटालियन कमांडर, डीकेएसजटसी के सचिवालय सदस्य कॉमरेड  हिड़मा दंडकारण्य के गोरिल्ला बेसों में जनता के बीच अपने कामकाज में लगे हुए हैं|

सरकारों के इस झूठे प्रचार मनोवैज्ञानिक हमले की कड़ी निंदा करने, जोरदार विरोध करने वर्ग संघर्ष और छापामार युद्ध / जनयुद्ध में और सक्रियता के साथ शामिल होने डीके एसजडसी तमाम उत्पीडित वर्गों सामाजिक तबकों की जनता, जनवादियों, देशभक्त ताकती का आह्वान करती है|

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