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अतिथि लेखक

बढ़ती बेरोजगारी एवं अवसाद: युवाओं के मानसिक सेहत एवं स्वास्थ्य के लिए बनी चुनौती

कोविड महामारी के बाद वैसे तो दुनियाभर के तमाम क्षेत्रों एवं आयामों में बदलाव एवं परिवर्तन आये हैं लेकिन युवाओं के उपर आये बदलाव अब युवापीढ़ी के लिए भारी पड़ने लगी है. एक ओर जहां युवाओं के…
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जनवरी से अक्टूबर 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर सबसे न्यूनतम

इस समय छत्तीसगढ़ देश में एकमात्र ऐसा राज्य है जहां बेरोजगारी दर सबसे न्यूनतम है. मार्च से अक्टूबर 2022 के सात महिनों में बेरोजगारी दर एक फीसदी से कम दर्ज है. जनवरी से अक्टूबर 2022 के…
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छत्तीसगढ़िया बनाम भारतीयता, कांग्रेस-भाजपा फिर आमने-सामने

राज्य में स्थानीयता या छत्तीसगढ़िया, वाद का मसला 2018 में भूपेश बघेल सरकार के सत्ता में आने के पहले से ही सुर्खियों में रहा है। राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने इस अवधारणा…
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गुणात्मक शिक्षा के बगैर, आजादी के अमृत महोत्सव की सफलता संदिग्ध  

देश में बुनियादि शिक्षा के हालात बेहद चिंताजनक एवं चुनौतीपूर्णं बने हुए हैं. देशभर के प्रायमरी के स्कूली बच्चों पर सरकार सालाना औसतन 15 से 20 हजार रूपए खर्च कर रही है, इसके बावजूद…
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बढ़ती आत्महत्याएं : सरकारें खामोश क्यों ?

देश-दुनिया में 77 प्रतिशत आत्महत्याएं निम्न व मध्यम आय वाले देशों, राज्यों, घरों एवं परिवारों में घटित होती हैं. दुनिया में हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति की मृत्यु आत्महत्या से हो रही है.…
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सेवा एवं कृषि क्षेत्र को छोड़कर बाकि कोर सेक्टर्स के प्रदर्शन ने किया निराश 

सेवा क्षेत्र एवं कृषि को छोड़कर विनिर्माण, व्यापार, होटल, खनन, बिजली-गैस, निर्माण आदि सभी मुख्य कोर सेक्टर्स में अर्थव्यवस्था की हालत वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में 2022-23 की पहली…
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दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत लेकिन चुनौतियां जस की तस

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत एक बार फिर दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. 2021 में 855 अरब डॉलर के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की टॉप…
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बैंकों के निजीकरण से अर्थव्यवस्था में मुश्किलें बढ़ेंगी

बैंकिंग सेक्टर में लगातार बढ़ते निजीकरण संबंधी सरकार की नीतियों को लेकर केन्द्रीय बैंक यानि रिर्जव बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी गर्वनर ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको के बड़े पैमाने पर निजीकरण…
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अमृत महोत्सव : क्या ? कैसे ? किसके लिए ?

वाकई! लोकतंत्र सचमुच सो रहा है। यक्ष प्रश्न है। शायद! लोकतंत्र जागता रहता तो आज राजनीतिक पार्टियां लगातार जनता को बेवकूफ बनाती नहीं रहतीं। लोकतंत्र जागते रहता तो राजनीतिक दलों के नेतागण…
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कौन असली छत्तीसगढ़िया, कांग्रेस-भाजपा के आरोप-प्रत्यारोप में कितना दम?

क्या राज्य में छत्तीसगढ़ियों के सम्मान को लेकर सियासत का नया दौर आरंभ हो चुका है ? छत्तीसगढ़ियों का असली हितैषी होने को लेकर सियासत का जो नया दौर चलने लगा है, यह 2023 के विधानसभा में…
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