छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन योजना की रफ्तार धीमी- शेखावत
छत्तीसगढ़ प्रवास पर रायपुर पहुंचे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन योजना की क्रियान्वयन की थीमी रफ्तार पर गहरा असंतोष जताया। हालाकि उन्होंने नरवा योजना की तारीफ की और कहा जल संचयन के लिए यह अच्छी योजना है।
रायपुर| छत्तीसगढ़ प्रवास पर रायपुर पहुंचे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन योजना की क्रियान्वयन की थीमी रफ्तार पर गहरा असंतोष जताया। हालाकि उन्होंने नरवा योजना की तारीफ की और कहा जल संचयन के लिए यह अच्छी योजना है।
गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ मुलाकात की। दोनों के बीच कई बिंदुओं पर चर्चा हुई, उसके बाद शेखावत ने मीडिया से बातचीत की।
Director of @PIBRaipur , @kripa receiving Hon’ble Jal Shakti Minister for PRESS CONFERENCE at Raipur.@PIBHindi @JalShaktiAbhyan pic.twitter.com/gG9XGkNw4D
— PIB in Chhattisgarh (@PIBRaipur) August 7, 2021
छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन योजना की धीमी रफ्तार पर उन्होंने कहा कि केन्द्र की राशि का पूरा उपयोग राज्य सरकार नहीं कर पाई है, और 19 में से सिर्फ 4 सौ करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। श्री शेखावत ने कहा कि अन्य राज्यों का परफार्मेस काफी बेहतर है। तेलंगाना में शत प्रतिशत योजना का क्रियान्वयन हो चुका है।
छत्तीसगढ़ में पिछले साल की राशि नहीं खर्च हो पाई है। उन्होंने सीएम के साथ समीक्षा बैठक के बाद उम्मीद जताई कि आने वाले समय में परफार्मेंस बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि जितना पैसा दिया जा रहा है, उतना पर्याप्त खर्च होना चाहिए। जल शक्ति मंत्री ने कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ 19वें स्थान पर था। अब 30 वें स्थान पर पहुंच गया है। छत्तीसगढ़ ने 2023 तक का लक्ष्य रखा है।
शेखावत ने कहा कि कोविड की आपदा में भी केंद्र सरकार ने जल के क्षेत्र में बेहतर काम किया है, जो 70 सालों में जो नहीं हुआ था। 2024 में एक भी मां-बहन सिर पर पानी उठाने को मजबूर नहीं होंगी।
तेलंगाना सहित कुछ राज्यों ने 100 प्रतिशत के साथ काम किया है। देश भर में 74 ऐसे जिले हैं, जहां पर 100 फीसदी हर घर पानी की सुविधा है।
शेखावत ने कहा कि नरवा योजना की जानकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिली है। जल संचयन के लिए यह अच्छी योजना है। जल मिशन योजना युग परिवर्तन साबित होगी। छत्तीसगढ़ में अब पानी संबंधित मौतों में कमी आई है, लेकिन अभी-अभी और काम करने की जरूरत है।