छत्तीसगढ़ : झीरम हमले की जांच के लिए नया आयोग बना
झीरम घाटी हमले की जांच के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने नया न्यायिक जांच आयोग बनाया है। इस आयोग में दो सदस्यों को रखा गया है।
रायपुर। झीरम घाटी हमले की जांच के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने नया न्यायिक जांच आयोग बनाया है। इस आयोग में दो सदस्यों को रखा गया है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश के अग्निहोत्री को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। न्यायमूर्ति जी. मिन्हाजुद्दीन आयोग के सदस्य होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी।
जारी अधिसूचना में कहा गया, जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग का कार्यकाल 30 सितम्बर को समाप्त हो चुका है। इस बीच न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा का स्थानांतरण भी आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में हो गया है। ऐसे में सरकार ने आयोग में दो नए सदस्यों को शामिल करने का निर्णय लिया है।
पूर्व में जारी जांच के बिंदुओं के अतिरिक्त यह आयोग तीन नए बिंदुओं की जांच करेगा। इसमें पहला बिंदु है, क्या हमले के बाद पीड़ितों को समुचित चिकित्सा उपलब्ध कराई गई। दूसरा, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या समुचित कदम उठाए गए थे। तीसरे में अन्य महत्वपूर्ण बिंदु जो परिस्थितियों के मुताबिक आयोग निर्धारित करे। इस आयोग को छह महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने का निर्देश हुआ है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को ही कहा था, आयोग का कार्यकाल पूरा हो चुका था। रिपोर्ट अभी अधूरी है। ऐसे में उस पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा। बहुत जल्दी ही इसका फैसला हो जाएगा।
इस पर भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ट्विट किया है – क्या झीरमघाटी न्यायिक जांच रिपोर्ट में किसी कांग्रेसी मंत्री/कांग्रेसी का नाम है? इसीलिए कांग्रेस उसे बचाने के लिए नया आयोग बनाने जा रही है या सिर्फ राजनीति और कांग्रेसी कार्यकर्ता को सक्रिय रखने के लिए मुख्यमंत्री बार-बार बयान दे रहे हैं।
इन बिंदुओं की भी जांच करेगा आयोग
- घटना के बाद घायलों को क्या समुचित चिकित्सकीय सुविधा मिली थी?
- ऐसी घटनाओं की पुर्नावृत्ति को रोकने के लिए क्या समुचित कदम उठाए गए थे?
- अन्य बिंदू आयोग या राज्य शासन के आवश्यकता अनुसार तय किए जाएंगे। बता दें कि पूर्व में जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में गठित आयोग ने 6 नवंबर को ही झीरम कांड की रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी थी। राज्यपाल अनुसुईया उईके को सौंपी गई रिपोर्ट को अधूरी बताते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बुधवार को राज्य सरकार से झीरम कांड की नए सिरे से जांच के लिए नए आयोग के गठन की मांग की थी। इस पर सीएम भूपेश बघेल ने विचार कर जल्दी फैसला लेने की बात कही थी।