संसद में आर्थिक सर्वे 2024-25 पेश: जीडीपी में 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत तक वृद्धि का अनुमान

आज शुक्रवार को संसद में पेश वित्त वर्ष 2024-25 के आर्थिक सर्वे में अगले वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत के बीच वृद्धि होने का अनुमान लगाया गया है.

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नई दिल्ली| आज शुक्रवार को संसद में पेश वित्त वर्ष 2024-25 के आर्थिक सर्वे में अगले वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत के बीच वृद्धि होने का अनुमान लगाया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा के सदन पटल पर प्रस्तुत आर्थिक सर्वे 2024-25 में कहा गया है कि प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों पर केंद्र सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2019-20 से वित्त वर्ष 2023-24 के बीच 38.8 प्रतिशत बढ़ा.
आर्थिक सर्वे का सार
वित्त वर्ष 2026 में भारत के जीडीपी में 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत तक वृद्धि का अनुमान
वित्त वर्ष 2025 में वास्तविक जीडीपी के 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जो इसके दशकीय औसत के करीब है
वित्त वर्ष 2025 में वास्तविक सकल मूल्य वर्द्धन – जीवीए में 6.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी
कैपेक्स जुलाई-नवंबर 2024 के दौरान 8.2 प्रतिशत से बढ़ा,कैपेक्स जुलाई से नवंबर 2024 के दौरान 8.2 प्रतिशत से बढ़ा और इसमें और भी तेजी का अनुमान है
दिसंबर 2024 में खुदरा हेडलाइन महंगाई गिरकर 4.9 प्रतिशत पर आई
वित्त वर्ष 2026 में भारत का उपभोक्ता मूल्य महंगाई 4 प्रतिशत के लक्ष्य के करीब रहेगा
दिसंबर 2024 तक समग्र निर्यात में 6 प्रतिशत (साल दर साल) की तेजी
अप्रैल-नवंबर 2025 के दौरान देश के सेवा निर्यात क्षेत्र में बढ़ोतरी 12.8 प्रतिशत पर पहुंची जो वित्त वर्ष 2024 के 5.7 प्रतिशत से अधिक है
सकल एफडीआई आगत 47.2 बिलियन डॉलर से बढ़कर 55.6 बिलियन डॉलर हुई जो 17.9 प्रतिशत की साल दर साल बढ़ोतरी है
फॉरेक्स 640.3 बिलियन डॉलर रहा जो 10.9 महीने के निर्यात और 90 प्रतिशत विदेशी कर्ज से निपटने के लिए पर्याप्त है
दिसंबर 2024 में सौर और पवन ऊर्जा में साल दर साल 15.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी
बीएसई स्टॉक बाजार पूंजीकरण और जीडीपी अनुपात 136 प्रतिशत रहा जो चीन (65 प्रतिशत) और ब्राजील (37 प्रतिशत) से काफी ज्यादा है
विकास के उच्च अनुपात को बनाए रखने के लिए अगले दो दशकों तक अवसंरचना में अनवरत निवेश की जरूरत
एमएसएमई को इक्विटी वित्तपोषण उपलब्ध कराने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का आत्म-निर्भर भारत कोष का शुभारम्भ
वित्त वर्ष 2025 में कृषि क्षेत्र में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद
खरीफ खाद्यान्न उत्पादन के 1647.05 एलएमटी तक पहुंचने की उम्मीद जो पिछले वर्ष की तुलना में 89.37 एलएमटी अधिक है
कृषि क्षेत्र में वृद्धि के प्रमुख संचालक बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन हैं
वित्त वर्ष 2025 में औद्योगिक क्षेत्र में 6.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान
वित्त वर्ष 2021 और 2025 के बीच सामाजिक सेवा व्यय में 15 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई
सरकार के स्वास्थ्य मद पर खर्च में 29 प्रतिशत से 48 प्रतिश की बढ़ोतरी, वहीं स्वास्थ्य पर लोगों का खर्च 62.6 प्रतिशत से घटकर 39.4 प्रतिशत रह गया
बेरोजगारी दर वर्ष 2017-18 के 6 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2023-24 में 3.2 प्रतिशत रह गई
समाज पर एआई के दुष्प्रभाव को न्यूनतम करने के लिए सरकार, निजी क्षेत्र, और शिक्षा जगत के बीच सहकार्यात्मक प्रयास करने की जरूरत है (pib)

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