पटना| बिहार के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई राज्य राज्य कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के इस प्रस्ताव पर मंजूरी दी गई। इसके साथ ही मंत्रिमंडल सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 11 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।
कैबिनेट के बैठक समाप्त होने के समय सरकार को मुख्य सचिव अरुण कुमार के निधन की जानकारी मिली। इसके बाद मुख्यमंत्री समेत अन्य मंत्रियों ने एक मिनट का मौन रखा और दिवंगत मुख्य सचिव को श्रद्धांजलि दी। बाद में पूछे जाने पर मंत्रिमंडल विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी शनिवार को दी जाएगी।
हालांकि स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने कैबिनेट में लिए गए फैसलों की बाबत बताया कि पीएमसीएच, एनएमसीएच और आईजीआईएमएस में दो- दो क्रायोजेनिक टैंक लगाए जाएंगे, जबकि अन्य मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में एक-एक क्रायोजेनिक टैंक लगाए जाएंगे।
बताया गया कि कोलकाता की कंपनी लिंडे इंडिया को क्रायोजेनिक टैंक लगाने की अनुमति दी गयी है। इस कंपनी द्वारा अभी कोलकाता में क्रायोजेनिक टैंक का निर्माण किया जा रहा है। इस कंपनी के पास ऑक्सीजन टैंक बनाने का व्यापक अनुभव है। बिहार में इसे जल्द से जल्द कार्य शुरू करने को कहा जायेगा। वहीं, राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में अगले पांच साल तक ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए एक कंपनी के साथ करार को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
कैबिनेट ने बिहार में कोरोना के मद्देनजर एक हजार एमबीबीएस डॉक्टरों की बहाली को भी मंजूरी दी है। इन डॉक्टरों की बहाली एक साल के लिए होगी, लेकिन आवश्यकता होने पर इसकी अवधि बढ़ायी भी जा सकती है। बहाल होने वाले डॉक्टरों को प्रतिमाह 65 हजार रुपये मिलेंगे। पीएमसीएच और एनएमसीएच में एक-एक सौ डॉक्टरों की बहाली की जाएगी, जबकि शेष 900 डॉक्टर अनुमंडल और जिला अस्पतालों में तैनात किये जाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने चार हजार करोड़ रुपये कोरोना वैक्सीन की खरीद पर खर्च किये जाने की सैद्धान्तिक मंजूरी दी। साथ ही कोरोना वैक्सीन की खरीद के लिए एक हजार करोड़ रुपये जारी किए जाने की भी स्वीकृति दी गई। विभाग इस राशि से कोरोना टीका की खरीद करेगा।