चेन्नई | साल 2021 में भारत के पहले अंतरिक्ष अभियान का भारी भरकम पीएसएलवी रॉकेट 19 उपग्रह लेकर अंतरिक्ष में रवाना होने वाला है| शनिवार सुबह 8.54 बजे से इसके लॉन्च होने की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।
इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी सूचना देते हुए कहा कि भारतीय रॉकेट पीएसएलवी-सी51 को रविवार सुबह 10.24 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर (एसडीएससी) से एक लॉन्च पैड के सहारे रवाना किया जाएगा।
इस रॉकेट में 637 किलो के ब्राजीलियाई उपग्रह अमेजोनिया-1 सहित 18 अन्य सैटेलाइट्स भी अंतरिक्ष में भेजे जा रहे हैं। इनमें से 13 अमेरिका से हैं।
साल 2021 में भारत का यह पहला अंतरिक्ष अभियान पीएसएलवी रॉकेट के लिए काफी लंबा होगा क्योंकि इसके उड़ान की समय सीमा 1 घंटा, 55 मिनट और 7 सेकेंड की होगी।
अगर रविवार सुबह पीएसएलवी रॉकेट की लॉन्चिंग ठीकठाक से हो जाती है, तो भारत की तरफ से लॉन्च किए गए विदेश सैटेलाइट की कुल संख्या 342 हो जाएगी।
ईसरो के मुताबिक अमेजोनिया-1 उपग्रह की मदद से अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई और ब्राजील में कृषि क्षेत्र से संबंधित अलग-अलग विश्लेषणों के लिए यूजर्स को रिमोट सेंसिंग डेटा प्रदान कर मौजूदा संरचना को और भी मजबूत बनाने का काम किया जाएगा।
18 अन्य सैटेलाइट्स में से चार इन-स्पेस से हैं। इनमें से तीन भारतीय शैक्षणिक संस्थानों के संघ यूनिटीसैट्स से हैं, जिनमें श्रीपेरंबदुर में स्थित जेप्पिआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नागपुर में स्थित जी. एच. रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और कोयंबटूर में स्थित श्री शक्ति इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी शामिल हैं। एक का निर्माण सतीश धवन सैटेलाइट स्पेस किड्ज इंडिया द्वारा किया गया है और 14 एनएसआईएल से हैं।