अहमदाबाद| शिक्षा के क्षेत्र में गुजरात ने एक और अनोखी पहल करते हुए देश का सबसे पहला “सिग्नल स्कूल” प्रोजेक्ट शुरू किया है। यह प्रोजेक्ट गुजरात सरकार, गुजरात स्टेट लीगल सर्विसेज़ ऑथोरिटी तथा अहमदाबाद महानगर पालिका के म्युनिसिपल स्कूल बोर्ड के संयुक्त सहयोग से शुरू किया गया है जिसके तहत तैयार की गई 30 बसों को हरी झंडी दिखाई गई।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने हाल ही में अहमदाबाद में गुजरात हाईकोर्ट परिसर में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की जिसके फलस्वरूप अब गुजरात की मेट्रो शहरों में ट्रैफिक सिग्नल पर खड़े बच्चे भीख नहीं मांगते बल्कि पढ़ाई करते नज़र आएंगे। बसों में चलने वाले इन सिग्नल स्कूल में बच्चों को मध्याह्न भोजन, स्वास्थ्य जांच योजना का लाभ भी दिया जाएगा। इसमें से 10 बसें अहमदाबाद में कार्यरत होंगीं, जहां 139 बच्चों की पाठशाला लगेगी।
सिग्नल स्कूल में बच्चों को सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक शिक्षा दी जाएगी। आगामी 30 अप्रेल तक स्कूल रेडीनेश प्रोग्राम के अन्तर्गत शिक्षा दी जाएगी। गर्मी की छुट्टी के बाद छह जून 2022 से फिर सिग्नल स्कूलों का शुभारंभ किया जाएगा। 10 माह के ब्रिज कोर्स के बाद बच्चों को निकट के स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा।
सिग्लन स्कूल के माध्यम से शहर के अलग-अलग सिग्नलों पर सुबह एवं शाम के समय शिक्षा दी जाएगी। सिग्नल स्कूल में सभी प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। इस स्कूल बस में ब्लैकबोर्ड, शिक्षक के लिए टेबल तथा कुर्सी, एलसीडी टीवी, वाई-फ़ाई, सीसीटीवी, पीने के पानी, मिनी पंखे आदि सुविधाएँ हैं।
इन बच्चों को विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत चिकित्सकीय जाँच, मध्याह्न भोजन, म्युनिसिपल स्कूलों में दी जाने वाली अन्य सुविधाएँ भी दी जाएँगी और एक वर्ष बाद निकटस्थ स्कूल में दाख़िला देकर मुख्य धारा में लाया जाएगा।
इस अवसर पर समाज को प्रेरित करने के लिए मुख्यमंत्री ने शिक्षा से वंचित एक बालक को गोद लिया। वह उस बालक की शिक्षा का पूरा खर्चा उठाएंगे। अपने संकल्प को दोहराते हुए उन्होंने अन्य लोगों से भी शिक्षा से वंचित बालक-बालिकाओं को गोद लेने की अपील की। मुख्यमंत्री के आह्वान पर शिक्षामंत्री जीतू वाघाणी और विधि मंत्री राजेन्द्र त्रिवेदी ने भी वंचित बच्चों को दत्तक लेने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा “यह समाज हितकारी प्रोजेक्ट केवल अहमदाबाद महानगर तक सीमित न रहे, बल्कि राज्य में व्यापक स्तर पर शुरू हो और शिक्षा-दीक्षा से वंचित दरिद्र बच्चों को शिक्षा व संस्कार मिलें, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह दृष्टिकोण वंचित, निर्धन तथा ज़रूरतमंद परिवारों के बच्चों के भविष्य में शिक्षा की ज्योत से आशा की नई किरण प्रकट करेगा।
यह सिग्नल स्कूल प्रोजेक्ट राज्य में उन बच्चों के लिए शुरू किया गया है जो विभिन्न कारणों ने स्कूल बीच में छोड़ देते हैं, जो चॉल, रेलवे स्टेशन, बस-स्टैंड या अन्य सार्वजनिक स्थानों में या तो समय बर्बाद कर देते हैं या ट्रैफिक सिग्नल पर भिखावृत्ति में लगे हुए हैं। इस प्रोजक्ट का ध्येय वाक्य ही ‘भिक्षा नहीं, शिक्षा है’।
गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघाणी ने बताया कि यह प्रोजेक्ट उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री अरविंद कुमार की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में शुरू किया गया है जो देश के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणादायी बनेगा।