रायपुर| रेलवे में केरियर बनाने वाले आईटीआई उत्तीर्ण युवक SECR रायपुर और वैगन रिपेयर शॉप, रायपुर में प्रशिक्षु (Apprentice) के अवसर का लाभ उठा सकते हैं | एक साल के प्रशिक्षण अवधि के दौरान उन्हें वजीफा दिया जायेगा | ऑनलाइन आवेदन 25 अप्रैल से भरे जाने शुरू हो गये हैं अंतिम तिथि 25 मई है |
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) ने वर्ष 2022-23 के लिए SECR रायपुर और वैगन रिपेयर शॉप, रायपुर में अपरेंटिस अधिनियम-1961 और अप्रेंटिसशिप नियम-1962 के तहत अपरेंटिसशिप की घोषणा की है।
वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन: https://apprenticeshioindia.org 25.04.2022 से 24.05.2022 (रात 24.00 बजे तक) रायपुर डिवीजन और वैगन मरम्मत में अपरेंटिस अधिनियम -1961 के तहत ट्रेड अपरेंटिस के रूप में पात्र उम्मीदवारों से आमंत्रित किए जाते हैं।
उम्मीदवार रेलवे भर्ती के लिए 1033 से अधिक पदों- डीआरएम कार्यालय, रायपुर डिवीजन (696), वैगन रिपेयर शॉप, रायपुर (337) की रिक्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं।
शैक्षिक योग्यता / तकनीकी योग्यता: उम्मीदवारों को 10 + 2 शिक्षा प्रणाली के तहत 10 वीं कक्षा की परीक्षा या इसके समकक्ष न्यूनतम 50% (कुल) अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से संबंधित ट्रेड में आईटीआई कोर्स पास होना चाहिए।
आयु सीमा: उम्मीदवारों को 15 वर्ष की आयु पूरी करनी चाहिए और 01.07.2022 को 24 वर्ष से कम हो । ऊपरी आयु सीमा में छूट अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए 05 वर्ष, ओबीसी के लिए 03 वर्ष, भूतपूर्व सैनिकों और पीडब्ल्यूडी के लिए 10 वर्ष की छूट है।
अपरेंटिस प्रशिक्षण और वजीफा की अवधि: चयनित उम्मीदवारों को प्रशिक्षु के रूप में नियुक्त किया जाएगा और वे प्रत्येक ट्रेड के लिए एक वर्ष की अवधि के लिए शिक्षुता प्रशिक्षण से गुजरेंगे। उन्हें प्रशिक्षण के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के नियमानुसार वजीफा दिया जाएगा। उनकी शिक्षुता पूरी होने के बाद उनका प्रशिक्षण समाप्त कर दिया जाएगा।
चयन में मेरिट मानदंड: दोनों मैट्रिक [न्यूनतम 50% (कुल) अंकों के साथ] और आईटीआई परीक्षा दोनों में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त प्रतिशत अंकों का औसत|
क्या है Apprentice (अपरेंटिस) का अर्थ है प्रशिक्षु यानी कि वह उम्मीदवार जो किसी संस्था में एक छात्र की तरह वहां के कार्य सीखता है, ट्रेनिंग करता है और प्रशिक्षण प्राप्त करके अपने स्किल, योग्यता को बढ़ाता है। कभी-कभी उस प्रशिक्षु को उसी संस्था में नौकरी भी प्राप्त हो जाती है।