नई दिल्ली | केंद्र सरकार देशभर में 100 सैनिक स्कूलों की स्थापना करने जा रही है। संसद में सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि वे गैर सरकारी संगठनों, निजी स्कूलों, राज्यों के साथ साझेदारी में देश में सैनिक स्कूलों की स्थापना के लिए एक नई योजना लाने का प्रस्ताव कर रहे हैं।
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाईक ने सांसद कूपनाथ मल्लाह व अन्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए सवाल का संसद में जवाब देते हुए कहा, ” यह प्रयास सरकारी/निजी स्कूल/ एनजीओ को संलिप्त करके सीबीएसई प्लस शैक्षणिक अवसर प्रदान करने के लिए किया जा रहा है, जो सैनिक स्कूल के मूल्य प्रणाली, राष्ट्रीय गर्व के साथ जुड़ा होगा।”
मंत्री ने कहा, “स्कूलों को सैनिक स्कूल सोसाइटी से संबद्ध करने का प्रस्ताव है। विस्तृत दिशानिर्देश और अपेक्षित अनुमोदन एक एडवांस स्टेज में है।”
प्रस्ताव के अनुसार, सैनिक स्कूल सोसायटी 100 मौजूदा सरकारी या निजी स्कूलों को एफिलियेशन देगी, जो मौजूदा सैनिक स्कूलों के बुनियादी ढांचे, गुणवत्ता और मानदंडों को पूरा करेगा।
मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक एफिलियेशन देने का प्रस्ताव अंतिम चरण में है और इसके बाद इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल को भेजा जाएगा। यह प्रक्रिया में है। अंतिम समय के तौर-तरीकों पर काम किया जा रहा है।
बताया गया कि द सैनिक स्कूल सोसाइटी एफिलियेशन प्रक्रिया की देखरेख के लिए नोडल एजेंसी होगी और केवल वे स्कूल जो सभी मानदंडों को पूरा करेंगे, उन्हें इसे चलाने की मंजूरी दी जाएगी।
दो साल पहले, रक्षा मंत्रालय ने लड़कियों के लिए सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोले थे। यह लैंगिक समानता के प्रति सरकार का कदम था।
सैनिक स्कूलों को सार्वजनिक स्कूलों की शिक्षा प्रणाली के विकल्प के रूप में विकसित किया गया था, जिसका उद्देश्य लड़कों को सशस्त्र बल में शामिल करने के लिए उचित माहौल प्रदान करना था। मौजूदा समय में 28 सैनिक स्कूल संचालित हैं और चार अन्य प्रक्रियारत हैं।