भुवनेश्वर| ओडिशा के नुआपड़ा जिले में सरपंच के पद के दावेदार एक आदिवासी नेत्रहीन ने नामांकन ख़ारिज किये जाने के बाद उड़ीसा हाई कोर्ट में दस्तक दी है | उसका नामांकन इसलिए रद्द कर दिया गया था क्योंकि उसने ब्रेल लिपि में दस्तखत किये थे |
ओडिशा के नुआपड़ा जिले के कोमना ब्लाक के गंदमेर ग्रामपंचायत के गाँव डाबरीपाड़ा के शांतिलाल सबर नामक 40 साल के नेत्रहीन आदिवासी ने सरपंच पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया था |
नामांकन पत्रों की जाँच के दौरान BDO खंड विकास अधिकारी ने नामांकन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह उड़िया भाषा पढ़ने और लिखने में असमर्थ हैं, जैसा कि ओडिशा ग्राम पंचायत अधिनियम के तहत चुनाव लड़ने के लिए जरुरी है|
शांतिलाल सबर का कहना था कि वह ब्रेली लिपि का उपयोग करके ओडिशा बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन द्वारा आयोजित मैट्रिक की परीक्षा पास कर सकता है, लेकिन यह समझ में नहीं आता कि पंचायत चुनावों के लिए रिटर्निंग ऑफिसर उसके पेपर को क्यों खारिज किया |
उसका कहना है नेत्रहीन लोगों के लिए ब्रेल एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत भाषा है| परीक्षाओं में हमें परीक्षा के दौरान सहायक लेखक दिए जाते है| हम ब्रेल लिपि का उपयोग करके ओडिया पढ़ और लिख सकते हैं| मेरा नामांकन खारिज कर सरकार नेत्रहीन उम्मीदवारों को पंचायत चुनाव में भाग लेने से वंचित कर रही है |
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नुआपाड़ा जिले में 732 लोगों ने सरपंच पद के लिए नामांकन दाखिल किया, जिसमें साबर सहित 28 उम्मीदवारों के पर्चा कई आधारों पर खारिज कर दिया गया|
बता दें ओडिशा में त्रिस्तरीय पंचायतीराज निकायों के चुनाव 16 से 24 फरवरी के बीच 853 जिला परिषद सीटों, 91,916 वार्डों और 6,794 ग्राम पंचायतों के लिए होने हैं|