भुवनेश्वर| पश्चिम ओडिशा में हो रही लगातार बारिश से राज्य के की इलाकों में बढ़ के हालात हैं. इधर छत्तीसगढ़ से सटे नुआपड़ा जिले में जोंक नदी में बना पुल बह गया है. इससे ओडिशा-छत्तीसगढ़ का सम्पर्क टूट गया है. यह पुल छत्तीसगढ़ के गरियाबंद और महासमुंद जिलों को जोड़ता है।
पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार वर्षा से एक तरफ जहां कुछ नदियों के जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. वंशावली नदी खतरे के निशान ऊपर प्रवाहित हो रही है. कुछ और नदियों के जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है.
बता दें सुनाबेड़ा अभयारण्य से निकली जोंक नदी पर साराबंगरू एवं आमानारा गांव के बीच बना पुल बीती रात भारी बारिश के कारण बह गया है. इससे किसी जनहानि कि खबर नहीं है.
ओडिशा में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी वर्षा के कारण विभिन्न नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. ऊपरी हिस्से में भारी वर्षा के कारण महानदी समेत विभिन्न शाखा नदियों में जलस्तर बढ़ रहा है.इधर वंशावली. काशीनगर, ऋषिकुल्या, हरभंगी, नागवली नदियों में भी जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है.
महानदी का तेजी से बढ़ रहा जलस्तर ,रायगढ़ और जांजगीर-चाम्पा में बाढ़ की आशंका
इधर छत्तीसगढ़ सरकार के मुताबिक राज्य के अनुरोध पर हीराकुंड के गेट खोल दिए गये हैं. जबकि ओटीवी के मुताबिक ओडिशा सरकार ने सोमवार को हीराकुंड बांध के आठ गेट बंद कर महानदी में भीषण बाढ़ से बचने के उपाय शुरू किए।
विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पीके जेना ने बताया कि भले ही निचले जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश की गतिविधियां कम हुई हैं, लेकिन हीराकुंड के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश हो रही है.
तीन नदी घाटियों- इंद्रावती, तेल और महानदी में पिछले 24 घंटों में बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने दबाव के प्रभाव में भारी वर्षा दर्ज की गई. कल तक उम्मीद थी कि हीराकुंड बांध में करीब सात लाख क्यूसेक पानी की आवक होगी. हालांकि अब यह बढ़कर 8.5 लाख क्यूसेक हो गया है.
जेना के अनुसार महानदी की कई सहायक नदियों के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है. ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों और निचले जलग्रहण क्षेत्रों के पानी के कारण महानदी नदी में उफान आ रहा है.
जेना ने कहा, इन कारकों को ध्यान में रखते हुए, महानदी में एक बड़ी बाढ़ की संभावना है और इसलिए हीराकुंड बांध के आठ फाटकों को कल सुबह 9 बजे तक बंद करने का निर्णय लिया गया है.
हीराकुंड बांध के गेट बंद होने से जलस्तर में 1.20 लाख क्यूसेक की कमी आएगी. जेना ने कहा, “मौजूदा समय में 9.1 लाख क्यूसेक बाढ़ का पानी मुंडाली से गुजर रहा है और मुंडाली से बहिर्वाह को 10.5 लाख से 11 लाख क्यूसेक रखने का फैसला किया गया है.”
महानदी में बाढ़ से जगतसिंहपुर, पुरी को सबसे ज्यादा खतरा है.