राम से बड़ा राम का नाम होता है। जहां भगवान राम की सेवा पूजा से केवल वही प्रसन्न होते हैं, राम का नाम लेने मात्र से ही भगवान राम सहित हनुमानजी तथा देवों के देव महादेव भी प्रसन्न होकर स्वयं मनोकामना पूर्ति करते हैं।
राम नाम के ऐसे ही कुछ प्रयोग जो आपकी जिंदगी को पूरी तरह बदल देंगे।
रोज सुबह सेवा-पूजा के बाद तुलसी अथवा रूद्राक्ष की माला से 108 बार राम नाम का जप करें। इससे आपके ऊपर आने वाले कष्ट ऐसे खत्म हो जाएंगे जैसे सूर्य की धूप निकलते ही ओस की बूंदे उड़ जाती हैं।
जब भी कोई बहुत बड़ी समस्या आ जाए और कोई उपाय न सुझाई दें, हनुमानजी की पूजा-अर्चना कर वहीं आसन पर बैठ जाएं और राम नाम का जप करते रहें।
यदि हर मंगलवार तथा शनिवार को इस प्रयोग को करेंगे तो जीवन में कभी भी कोई भी कष्ट आपको परेशान नहीं कर पाएगा।
यदि आपको लगता है कि घर में किसी तरह की भूत प्रेत बाधा हो या कोई नकारात्मक शक्ति प्रवेश कर गई हो तो इसके लिए सबसे अच्छा उपाय है कि गंगाजल को राम-राम जपते हुए पूरे घर में छिड़क दें।
सायं काल पूजा के समय भी गोबर के उपले पर लौहबान तथा गूग्गल की जलाकर पूरे घर में धूनी दें। इससे तुरंत ही आपकी हर समस्या दूर हो जाएगी।
अगर आप सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो पाठ के आरंभ अथवा अंत में एक माला राम नाम के जप की कर लें। इससे हनुमानजी अत्यन्त प्रसन्न होकर आपकी हर अभिलाषा पूरी करेंगे।
अगर घर के किसी व्यक्ति या बच्चे को नजर लग गई हैं तो एक इलायची पर 21 बार राम नाम जप कर फूंक मारे और उसे खिला दें। तुरंत असर दिखाई देगा।
मंगलवार को तीन बार राम का नाम लेकर हनुमानजी के निमित्त बंदरों को गुड़-चने खिलाएं। इससे शनि, राहू, केतु तथा मंगल ग्रहों द्वारा दिए जा रहे सभी प्रकोप तुरंत ही शांत हो जाएंगे और आपके घर में सुख-शांति का वास होगा।
भोलेनाथ की पूजा करते समय रखें इन बातों का ध्यान
पूजा-पाठ में विधि विधान का बहुत अधिक महत्व होता है। लोग घर में शुख-शांति के लिए पूजा-पाठ, हवन करते हैं। वैसे ही हर भगवान की पूजा करने का तरीका भी अलग-अलग होता है।
वैसे ही भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों की सभी मांगे पूरी होती है लेकिन भोलेनाथ की पूजा करते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
इनकी पूजा में की गलती से आप पैसों की तंगी से भी जूझ सकते है। आपको शिव जी की आराधना करते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
शास्त्रों में कहा गया है कि जब भी आप भगवान शिव की पूजा करें तो इस बात का ध्यान रखें कि पंचामृत, दूध आदि कांसे के बर्तन पर न रखे। इससे आपकी पूजा का कोई प्रभाव नहीं होगा।
शिव की पूजा में बेलपत्र का विशेष महत्व है। इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी कटे-फटे बेलपत्र भगवान को न चढाएं। इससे आपको इसका उल्टा मिलेगा।
माना जात है कि घर में कभी भी एक साथ दो शिवलिंग की स्थापना नहीं करनी चाहिए। इससे घर में दरिद्रता और दुर्भाग्य आता है। इसलिए एक ही शिवलिंग स्थापित करें।