नई दिल्ली | पीएम नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करते हुए 3 जनवरी से 15 से 18 साल के उम्र को वैक्सीन शुरू करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में जल्द ही नेजल और डीएनए वैक्सीन भी शुरू की जाएगी। पीएम मोदी ने इसके साथ ही हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए बूस्टर डोज की घोषणा कर दी है। पीएम मोदी ने कहा कि 60 साल से अधिक उम्र के उन लोगों को भी बूस्टर डोज दिया जाएगा जो दूसरी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं।
पीएम के संबोधन से पहले DCGI ने बच्चों के वैक्सीन के लिए कोवैक्सिन के इमरजेंसी यूज को मंजूरी दी।
पीएम ने कोरोना के नए वैरिएंट से भयभीत नहीं होने को कहा। उन्होंने कहा कि नए संक्रमण से डरे नहीं, बल्कि बचाव और कोविड नियमों का पालन करें। इसके अलावा पीएम ने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और वैक्सीनेशन को लेकर जानकारी दी।
पीएम मोदी ने कहा, ”भारत में भी कई लोगों के ओमीक्रॉन से संक्रमित होने का पता चला है। मैं आप सभी से आग्रह करूंगा कि पैनिक नहीं करें सावधान और सतर्क रहें। मास्क और हाथों को थोड़ी-थोड़ी देर पर धुलना, इन बातों को याद रखें।
पीएम ने कहा कि आज आज जब वायरस म्यूटेशन कर रहा है तो हमारा विश्वास भी बढ़ रहा है। आज देश के बास 18 लाख आइसोलेशन बेड है। 5 लाख ऑक्सीजन बेड हैं। 5 लाख आईसीयू बेड हैं। आईसीयू और नॉन आईसीयू बेड विशेष तौर पर बच्चों के लिए हैं। आज देश में 3 हजार से ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट काम कर रहे हैं। 4 लाख ऑक्सीजन सिलेंडर देश को दिए गए हैं। राज्यों को जरूरी दवाओं की बफर स्टॉक तैयार करने में मदद की जा रही है।
कोरोना वैश्विक महामारी से लड़ाई का अब तक का अनुभव यही बताता है कि व्यक्तिगत स्तर पर सभी दिशानिर्देशों का पालन, कोरोना से मुकाबले का बहुत बड़ा हथियार है। और दूसरा हथियार है वैक्सीनेशन। भारत ने इस साल 16 जनवरी से अपने नागरिकों को वैक्सीन देना शुरू कर दिया था।
ये देश के सभी नागरिकों का सामूहिक प्रयास और सामूहिक इच्छाशक्ति है कि आज भारत 141 करोड़ वैक्सीन डोज के अभूतपूर्व और बहुत मुश्किल लक्ष्य को पार कर चुका है।आज भारत की वयस्क जनसंख्या में से 61 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। इसी तरह, वयस्क जनसंख्या में से लगभग 90 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की एक डोज लगाई जा चुकी है।