पाइल्स यानी बवासीर बहुत तकलीफ देने वाली बीमारी है। सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि संकोच के कारण लोग इस बिमारी के बारे में बताते समय हिचकते हैं।
बवासीर के लक्षण मल त्याग के समय दर्द, खून निकला, गुदा से बलगम जैसा रिसाव, गुदा के पास दर्द, सूजन, गांठ या मस्सा बनना, खुजली आदि शामिल है।
पाइल्स होने के कई कारण हैं। मल त्याग करते समय ज्यादा जोर लगाना, कब्ज, मोटापा और गर्भावस्था के समय गुदा की नसों में दबाव बढ़ने से भी हो सकता है। मोटापा में इसलिए ये बीमारी बन जाती है, क्योंकि पेट के अंदर का दबाव बढ़ने से गुदा की मांसपेशियों पर भी दबाव बढ़ जाता है।
मलाशय और गुदा वाले हिस्से में रक्त वाहिकाएं को हेमरॉइड्स कहते हैं। इन्हीं रक्त वाहिकाओं में सूजन आने की स्थिति को बवासीर कहा जाता है। इस बीमारी को इन घरेलू उपायों से भी राहत मिल सकती है।
छाछ या मट्ठा
एक गिलास छाछ या मट्ठे में एक चुटकी नमक और एक चौथाई चम्मच अजवाइन मिलाकर रोज पीने से बवासीर से राहत मिल सकती है।
ईसबगोल भूसी
एक गिलास में गर्म पानी या दूध में एक चम्मच ईसबगोल भूसी मिला लें। फिर सोते समय इसे पियें। इससे मल त्याग करते समय दर्द से राहत मिलेगी।
हरीतकी
बवासीर के साथ ही हरीतकी अन्य बीमारियों के उपचार में भी काम आती है। सूखा और खूनी बवासीर में यह बहुत राहत देती है। दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए एक चम्मच हरीतकी पाउडर को दिन में तीन बार दूध के साथ पीएं।
पपीता
कब्ज और खूनी बवासीर से राहत दिलाने में पपीता बहुत ही किफायती फल है। पपीता में शक्तिशाली पाचन एंजाइम पपैन होता है। जो इस बीमारी को दूर करता है।
अरंडी का तेल
अरंडी का तेल मल को नरम करने में मदद करता करता है। इससे गुदा वाले हिस्से में नसों पर पड़ने वाले दबाव कम हो जाता है। इससे हर दिन रात में दूध के साथ एक चम्मच अरंडी के तेल का सेवन करें।