न्यूट्रिशनिस्ट की मांग बढ़ी

आधुनिक युग में डायबिटीज से लेकर मोटापा तक कई बीमारियां बढ़ी हैं जिनका संबंध खानपान से है। उसे देखते हुए लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति काफी जागरूक हो गए हैं।

आधुनिक युग में डायबिटीज से लेकर मोटापा तक कई बीमारियां बढ़ी हैं जिनका संबंध खानपान से है। उसे देखते हुए लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति काफी जागरूक हो गए हैं।

स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए लोग सिर्फ शारीरिक गतिविधियों का ही सहारा नहीं लेते बल्कि वे अपने खान-पान को लेकर भी काफी सजग रहते हैं। उनके खान-पान का ध्यान रखने का काम करते हैं न्यूट्रिशनिस्ट यानी आहार विशेषज्ञ। लोगों की बढ़ती सजगता के साथ-साथ न्यूट्रिशनिस्ट की मांग भी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।

क्या होता है काम
एक न्यूट्रिशनिस्ट का मुख्य काम विभिन्न उम्र के लोगों के लिए डाइट प्लानिंग का काम करना है। वह उनका फूड प्लान करते समय अमुक व्यक्ति की उम्र के साथ-साथ उसकी जरूरत व बीमारियों आदि का भी ध्यान रखते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी व्यक्ति को पतला होना है तो उसे ऐसी डाइट दी जाती है, जिसमें फैट का कंजप्शन न के बराबर हो।

न्यूट्रिशनिस्ट की यही काम होता है कि वह अपने क्लाइंट के लिए ऐसा फूड प्लॉन करें जो संतुलित हो तथा उसके शारीरिक व मानसिक विकास में सहायक हो। इन सबके अतिरिक्त अगर उनके क्लाइंट को किसी प्रकार की फूड एलर्जी है तो उन्हें इस बात का भी ख्याल रखना होता है।

दक्षता विकास :
एक न्यूट्रिशनिस्ट का काम मुख्य रूप से भोजन से जुड़ा है, इसलिए उसे हर प्रकार की भोजन सामग्री की खूबियों व कमियों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। साथ ही उसे फूड कॉम्बिनेशन की भी जानकारी होनी चाहिए।

बेहतर संचार दक्षता व धैर्य उनके काम में काफी सहायक होते हैं। अपने इन्हीं गुणों के कारण वह ग्राहक को न केवल संतुष्ट करते हैं बल्कि उन्हें हर प्रकार के भोजन के फायदों के बारे में भी बताते हैं। एक न्यूट्रिशनिस्ट का खुद भी फिट होना बेहद आवश्यक है। उन्हें टीम के साथ काम करना भी आना चाहिए।

शैक्षणिक योग्यता :
डायटेटिक्स एंड न्यूट्रीशन के कोर्स ग्रेजुएशन और पास्ट ग्रेजुएशन, दोनों ही स्तरों पर उपलब्ध हैं। साथ ही इस क्षेत्र में भविष्य देख रहे छात्रों का मेडिकल बैकग्राउंड होना अनिवार्य नहीं है। अगर आपका बैकग्राउंड होमसाइंस या फूड टेक्नोलॉजी से संबंधित है तो भी आप इस क्षेत्र में अपना कॅरियर बना सकते हैं।

एक न्यूट्रिशनिस्ट बनने के लिए फूड सांइस का चार वर्षीय कोर्स उपलब्ध है, लेकिन इसके लिए आपका बारहवीं में साइंस होना अनिवार्य है। अगर आप साइंस संबंधित नहीं हैं तो आप एक वर्षीय डिप्लोमा इन डाइट्रेटिक्स एंड पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन कोर्स में दाखिला ले सकते हैं।

रोजगार संभावनाएं : एक न्यूट्रिशनिस्ट के लिए प्राइवेट व सरकारी दोनों ही सेक्टर में जॉब की संभावनाएं हैं। आप अस्पतालों, होटलों, हेल्थ क्लब, योगा सेंटर, स्कूल, फूड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, आदि जगहों में जॉब की तलाश कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त थोड़े अनुभव के पश्चात् आप स्वयं का हेल्थ सेंटर खोलकर प्रैक्टिस कर सकते हैं।

आमदनी का जरिया : एक न्यूट्रिशनिस्ट यदि किसी बेहतर अस्पताल में नौकरी करता है या करती है तो उनका शुरूआती वेतन 10 हजार से 20 हजार रूपए प्रतिमाह हो सकता है। वहीं, कुछ अनुभव के बाद आपके वेतन में इजाफा होता है।

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