नई दिल्ली । मौसंबी के जूस में सबसे ज्यादा विटामिन सी और फाइबर पाया जाता है। मौसंबी न सिर्फ ताकत देती है, बल्कि इसके कई और फायदे भी हैं। यह शरीर को ताकत देता है और स्ट्रोक की रोकथाम करता है। गर्मियों के मौसम में तरोताजा रहने के लिए लोग इसे पीना पसंद करते हैं। यह शरीर को हाइड्रेट रखता है और मतली आदि में भी फायदेमंद होता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक मौसंबी में पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा पाचन को बेहतर बनाए रखने में मददगार होती है। यह जूस पाचन को बेहतर बनाता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर मल त्याग में सुधार करता है। ऐसे में जब आप दस्त, उल्टी और मतली से पीड़ित होते हैं, तो मौसंबी का जूस सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।
विटामिन सी की कमी से स्कर्वी रोग हो जाता है, जिसमें मसूढ़ों में सूजन, बार बार सर्दी-जुकाम होना और मुंह, जीभ में छाले होते हैं। ऐसे में मौसंबी के जूस में काला नमक मिलाकर इसे मसूढ़ों पर लगाने से इनसे खून आना ठीक हो जाता है। इसके अलावा मुंह से दुर्गंध (सांसों की दुर्गंध) की समस्या से भी आप छुटकारा पा सकते हैं।
मौसंबी में फ्लेवोनोइड्स लिमोनिन ग्लूकोसाइड होने की वजह से इसमें एंटी-कैंसर, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं। यह संक्रमण से लड़ने में मदद करता है और अल्सर, घावों का इलाज करता है। यह रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाए रखने में मददगार होता है।
मौसंबी में मौजूद एंटीसेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण कई सौंदर्य संबंधी समस्याओं में भी फायदेमंद होता है। यह बालों और त्वचा को बेहतर बनाए रखने में मददगार होता है। इसमें मौजूद विटामिन की प्रचुर मात्रा बालों को मजबूत बनाती है और रूसी, दोमुंहे बालों की समस्या दूर होती है।
मौसमी में विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है, जो सूजन को कम करने में मदद करती है। इसलिए यह पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटॉइड गठिया के लक्षणों के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कैल्शियम के अवशोषण को भी बढ़ाता है और हड्डी के निर्माण के लिए कोशिका को उत्तेजित करता है।
मौसंबी का रस एंटीऑक्सिडेंट और जीवाणुरोधी गुणों का एक पावरहाउस होने के कारण यह आंखों के कई तरह के संक्रमण और मोतियाबिंद, ग्लूकोमा जैसी बीमारियों के इलाज और रोकथाम में अत्यधिक प्रभावी है।