आजकल कई माता-पिता कामकाजी हैं। ऐसे में बच्चे स्कूल से आने के बाद शामभर तक अकेले रहते हैं। दूसरी ओर एक वर्ग ऐसा भी है जो अपने बच्चों को हमेशा अपने साथ ही रखते हैं लेकिन कई बार ऐसा समय भी आता है
जब माता-पिता को मजबूरी में या कहीं आपातकाल में बच्चों को अकेला छोड़ना भी पड़ता है। इसके लिए वह खुद की तसल्ली भी कर लेना चाहते हैं कि उनके बच्चे अब थोड़े समझदार हो गए हैं और कुछ समय के लिए उन्हें अकेला छोड़ा जा सकता है।
ऐसे वक्त में भी आपको बच्चों पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत होती है।
मोबाइल होना है जरूरी
जब बच्चे घर पर अकेले हो तो उनके पास मोबाइल होना बहुत जरूरी है। ऐसी स्थिति में अगर बच्चों कोई समस्या है या फिर आपको बच्चों से कोई बातचीत करनी है तो आप बहुत आसानी से कर सकते हैं। साथ ही आपको इस बात की जानकारी भी मिलती रहेगी कि वो क्या कर रहे हैं और उन्हें किसी चीज की जरूरत तो नहीं है।
कमरे में बंद न करें
कई बार अभिभावक बच्चों को लेकर पजेसिव हो जाते हैं कि बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से उन्हें कमरे में बंद कर देते हैं, ताकि बच्चे घर से बाहर ना जाए और कोई उनके बच्चों के साथ गलत हरकत ना कर दें। जबकि ये बहुत गलत अभ्यास है। बच्चों को कभी भी एक कमरे में बंद न करें। किसी तरह की अनहोनी होने पर उनका बाहर निकलना मुश्किल हो सकता है।
कुंडी खोलना और बंद करना सिखाएं
इमेरजेंसी के वक्त को देखते हुए बच्चा को घर के दरवाजों की कुंडी खोलना और बंद करना जरूर आना चाहिए। जब अभिभावक घर पर नहीं होते तब कुछ छोटी-छोटी बातों की जानकारी बच्चों के लिए बहुत हो जाता है। यानि कि दरवाजे की कुंडी खोलना और बंद करना बच्चों को जरूर आना चाहिए।
खाने-पीने की चीजें रखें
जब भी पेरेंट्स घर से बाहर जाए तो टेबल पर या डाइनिंग टेबल पर कुछ खाने पीने की चीजें जरूर रखें। खेल-कूद के कारण बच्चों को जल्दी भूख लग जाती है। किचन में जाना उनके लिए ठीक नहीं होता। ऐसे में खाने-पीने की चीजें पहले ही टेबल पर रख कर जाएं।
गेम देकर जाएं
अगर आपने घर से बाहर जाते वक्त बच्चों को शैतानी करने की मनाही की है तो बच्चों को कोई गेम या होमवर्क दे कर जाएं। ताकि वह काम में व्यस्त रहें और आप घर से बाहर ज्यादा समय न बिताएं। कोशिश करें आप घर जल्दी आ जाएं और घर से ज्यादा दूर न जाएं।