रायपुर | कोरोना का टीका लगवाने के बाद भी अगर व्यक्ति संक्रमित होता है तो यह संक्रमण मामूली होता है,उसे गंभीर हालातों का सामना नहीं करना पड़ता| अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु की संभावनाएं नहीं रहेगी।
इस तथ्य की जानकारी जवाहर लाल नेहरू इंस्टीट्यूट पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च पुडुचेरी द्वारा हाल ही में आयोजित सेमिनार में दी गई|
अध्ययन के मुताबिक देश में अब तक 5.81 करोड़ कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है। लेकिन उसके बाद भी जिन्हे संक्रमण हुआ है ऐसे लोगों की संख्या दहाई के आंकड़े में ही है। इससे यह साबित होता है कि दोबारा संक्रमण होना दुर्लभ घटना है।
इसलिए लोगों को टीका लगाने से बचना नहीं चाहिए क्योंकि टीका लगाने से सभी के शरीर में एंटीबॉडी बनती है और प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है। यदि टीका लगवाने के बाद भी व्यक्ति दोबारा संक्रमित हो भी जाएगा लेकिन उसकी स्थिति गंभीर नही होगी, मामूली संक्रमण ही होगा।
इसके अलावा टीका की दोनो डोज लगाने के बाद भी मास्क लगाना, भीड़ से बचना जरूरी होगा क्योंकि टीका (वैक्सीन) शत-प्रतिशत सुरक्षा नही देता है।
सेमीनार में बताया गया कि हमारे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र एंटीबॉडी के साथ ही टी सेल भी बनाता है। यह टी सेल वायरस के शरीर में प्रवेश करने के बाद हरकत में आता है और वायरस से लड़ता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार जब तक किसी जनसंख्या के 70 प्रतिशत को इम्यूनिटी नही आ जाती, चाहे वह वैक्सीन लगाने से हो या प्राकृतिक रूप से हो,तब तक इस प्रकार के संक्रमण होंगे।
इससे बचने के लिए पात्र व्यक्तियों को जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाना, विशेष कर बुजुर्गो को, सभी को मास्क लगाना, भीड़ से बचना, बंद भीड़ वाली जगहों में नही जाना और हाथों की साबुन पानी से सफाई जरूरी है।
सेमीनार में एस जी पी जी आई लखनऊ की डॉ अमिता अग्रवाल, वेल्लेार से डॉ गगनदीप, डॉ. एंडू पोलार्ड, डॉ. संजय वर्मा चंडीगढ़ एवं अन्य विशेषज्ञ उपस्थित थे।